शिमला की कुमारसेन तहसील में अब पंजीकरण के साथ ऑनलाइन मूल्यांकन औऱ भुगतान किया जा सकेगा। गुरुवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसकी शुरुआत की। डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली का शुभारंभ किया गया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया से राज्य में शीघ्र पंजीकरण के साथ ऑनलाइन मूल्यांकन और भुगतान की सुविधा शुरू होगी। इस पायलेट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे पूरे प्रदेश में शुरू किया जाएगा। नागरिकों को ऑनलाइन पंजीकरण, स्टाम्प ड्यूटी और ई-मेल अलर्ट की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। इसके द्वारा राजस्व रिकॉर्ड्स के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ रोकने में भी सहायता मिलेगी। ये प्रणाली भूमि मालिकों के हित में राजस्व रिकॉर्ड के प्रभावी रखरखाव में सहायक सिद्ध होगी।
जयराम ठाकुर ने कहा कि नकली स्टाम्प पेपर को रोकने के लिए एनजीडीआरएस सहायक सिद्ध होगी। पंजीकृत दस्तावेज की प्रतिलिपि स्कैनिंग तकनीक के द्वारा सुरक्षित रखी जाएगी और डाउनलोड किए गए दस्तावेज को अधिकृत उपयोगकर्ता द्वारा प्रमाणित प्रतिलिपि उत्पन्न कर देखा जा सकता है। हिमाचल प्रदेश इस परियोजना को लागू करने वाला देश का 7वां राज्य है। हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘वन नेशन वन सॉफ्टवेयर’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया है। इस मौके पहली कम्प्यूट्रीकृत भूमि पंजीकरण की प्रति भूमि मालिक राकेश कुमार और मीना को प्रदान की।