जल शक्ति अभियान के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के तत्वावधान में कृषि विज्ञान केंद्र कांगड़ा और आतमा प्रोजेक्ट द्वारा संयुक्त रूप से इंदौरा के सूरजपुर में वीरवार को किसान मेले का आयोजन किया गया। कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडा ने मेले में बतौर मुख्याथिथि शिरकत की। इस किसान मेले में भारी संख्या में किसानों ने भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने इंदौरा में सब्जी मंडी व अनाज मंडी खोलने की घोषणा की । उन्होंने कहा कि दो महीने के भीतर यहां दोनों मंडियों के लिए 15-15 बीघा जमीन उपलब्ध करवा दें, दो महीने बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर या वे स्वयं इसका शिलान्यास करेंगे।
कृषि मंत्री ने कहा कि जल सरंक्षण के मुद्दे पर शीघ्र ही ध्यान देने और इसे एक जन आंदोलन बनाने के प्रयासों की तत्काल आवश्यकता है, ताकि वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिये पर्याप्त जल का सरंक्षण किया जा सके। उन्होंने कहा आज कई जगह पीने के पानी का गंभीर संकट पैदा हो गया है, तो सिंचाई के लिये जल कहां से उपलब्ध हो पायेगा। सरकार जल शक्ति अभियान को विशेष गति प्रदान करने के लिए प्रयासरत है, जिसके लिये जन सहयोग अति आवश्यक है। उन्होंने किसानों को ड्रिप इरिगेशन प्रणाली को अपनाने पर बल देने की बात कही तो वहीं विभागों को किसानों को इस बारे जागरुक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रसायनों के अत्याधिक प्रयोग से वाष्पीकरण से जहां ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है। वहीं वो रसायन धरातल में जाने से पेयजल दूषित हो रहा है। इसलिए रसायनिक खेती की अपेक्षा प्राकृतिक खेती को अपनाना बहुत ज़रूरी है।
कृषी मंत्री ने कहा कि गाय के गोबर व मूत्र से जीवामृत तैयार करने से खेती की लागत में कमी आएगी। कीटनाशकों तथा उर्वरकों के अत्याधिक इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए किसानों से जैविक खेती तथा जीरो बजट प्राकृतिक खेती को अपनाने पर बल दिया। वहीं उनकी आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने क्षेत्र के किसानों को 100% प्राकृतिक खेती पर 25 लाख रुपये के बनाम दिए जाने की घोषणा भी की।