राज्य सरकार हिमाचल को देश का इंडस्ट्रियल हब बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए सम्भावित निवेशकों को आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। यह बात आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एक प्रतिष्ठित न्यूज चैनल द्वारा चण्डीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नवम्बर माह में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्ज़ मीट का आयोजन कर रही है और इसके लिए आठ प्रमुख क्षेत्रों जैसे कृषि सम्बन्धी उद्योग, निर्माण और फार्मा, पर्यटन और आतिथ्य, जल विद्युत, अक्षय ऊर्जा, वैलनेस और स्वास्थ्य सेवा, आवासीय और शहरी विकास, सूचना प्रौद्योगिकी और आईटीईएस तथा शिक्षा और कौशल विकास को चिन्हित किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक विभिन्न क्षेत्रों में 41,000 करोड़ रुपये के निवेश के लिए कुल 419 समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मनाली में बुधवार को आयोजित मिनी इन्वेस्टर्ज़ कन्क्लेव में 2219 करोड़ रुपये के 93 समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने प्रथम बजट में 30 नई योजनाओं की घोषणा की थी, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है और ये सभी योजनाएं लागू कर दी गई हैं। इन योजनाओं से प्रदेश के सामाजिक आर्थिक विकास को गति मिल रही है। एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सुदृढ़ अधोसंरचना और उद्यमियों के लिए निवेश हितैशी नीतियां है। उन्होंने कहा कि फोर-लेन सड़क परियोजनाओं के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने पर सरकार विशेष बल दे रही है। साथ ही सरकार मण्डी जिला में अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की योजना पर कार्य कर रही है, जिसके लिए ओ.एल.एस. सर्वेक्षण किया जा चुका है। इस हवाई अड्डे का निर्माण पर्यटकों और उद्यमियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि सिटी ब्यूटीफुल चण्डीगढ़ में हिमाचल का 7.9 प्रतिशत हिस्सा है और वे इसके सौहार्दपूर्ण समाधान के पक्ष में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 के विधानसभा आम चुनावों में राज्य के लोगों ने बदलाव के लिए वोट डाले और ये मतदान राजनैतिक पीढ़ी के बदलाव के लिए भी था। राज्य सरकार अपने कार्यकाल के प्रथम दिन से ही लोक कल्याण और प्रदेश के समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक द्वेष का उनकी राजनीति में कोई स्थान नही है। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए नई सम्भावनाएं तलाश रही है और पर्यटन की दृष्टि से अनछुए क्षेत्रों को विकसित करने के लिए ‘नई राहें, नई मंजिलें’ योजना आरम्भ की है। उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे जिला शिमला की चांशल घाटी को स्कीईंग, जिला मण्डी की जंजैहली घाटी को ईको पर्यटन और बीड़-बिलिंग को साहसिक खेलों और जिला कांगड़ा के पौंग को जिल क्रिड़ा गंतव्य की दृष्टि से योजना के प्रथम चरण में विकसित किया जाएगा।