हिमाचल के जिला चंबा की विधानसभा क्षेत्र भटिया के दायरे में आने वाली ग्राम पंचायत तुनुहटटी के सुनागर, लाडी और द्रवडी गांव में जब गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा के दौरान अस्पताल के लिए ग्रामीण पालकी में उठाकर ले जाते हैं।
भले ही आज सरकारें विकास का रोना रोती है लेकिन असल में विकास कहां हुआ है यह तो तस्वीरें ही बोल रही हैं। ऐसा मामला पहला मामला नहीं ही है, इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। हैरानी की बात तो यह है कि सरकार बनने से पहले नेता लोगों से कई वादे करते हैं लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हो जाते हैं वादे भी हवा हो जाते हैं।
आज भी हिमाचल के कई ऐसे गांव हैं जो सड़कों से कोसों दूर हैं और मूलभूत सुविधाओं के लिए पैदल चल कर जाना पड़ता है। अगर कोई बीमार हो जाये तो उसे पालकी में बैठा कर सड़क तक पहुंचाया जाता है। कई बार तो लोग अपनी जान से भी हाथ धो बैठते हैं लेकिन किसी पर इसका कोई असर नहीं पड़ता। सरकार के नुमाइंदे भी देख कर आंखे बंद कर लेते हैं। ऐसे में लोगों की भावनाओं के साथ भी खिलवाड़ होता नजर आ रहा है।