हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत डंगार के अंतर्गत आने वाले गांव चोखना के पास जंगल मे स्थित शिव लिंग अपने अन्दर न जाने कितने ही रहस्य अपनी गहराई में समाए हुये है। माना 21वीं सदी है लेकिन अगर आस्था है तो कोई और बात करना बेईमानी हो जाती है। गांव के लोगो के अनुसार यह शिवलिंग लगभग 300 साल पुराना है और कई बुजुर्ग इसे 400 साल पुराना बता रहे हैं ।
यह पत्थर की शिवलिंग एक बड़े पत्थर के ऊपर गांव चोखना और छंदोह गांव के जंगल के बीच पहाड़ी पर विराजमान है। यहां पे तीन पंचायतो दधोल ,पड़यालग ,डंगार की सीमा भी यही पे मिलती है । स्थानीय बुजुर्गों के अनुसार यह राजा हीरा चंद के समय का बना हुआ शिव लिंग है ,ओर यहाँ बड़े बड़े पत्थरो के ऊपर ओखली भी बनी हुई है ,जिससे लगता है कि पुराने समय में लोग सामग्रियों की कुटाई इन्ही ओखलियो मे करते थे। बुजुर्गों का कहना है कि यहां 360 देहल भी बनी हुई थी पर यह देहल आज के समय मे अस्त व्यस्त और विलुप्त हो गई है और यहां राजाओं का गढ़ हुआ करता था। जब भी शिवरात्रि या शिव का कोई त्यौहार होता है तो यहां स्थानीय लोग एकत्रित होकर शिव लिंग की पूजा करते है ,दूध चढ़ाते हैं और उत्सव को मानते है।
इन लोगों मे इस शिव लिंग के प्रति बहुत आस्था है ,कुछ लोग हर रोज यहां पूजा करने आते है ,और भगवान शिव से मनोकामना मांगते है । स्थानीय निवासियों ने सरकार से मांग की है कि इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से भी विकसित किया जाए और यहां पे भव्य मंदिर का निर्माण करवाया जाए ताकि इस प्राचीन धरोहर को संभाल कर रखा जा सके। वहीं, नीलम चन्देल जिला भाषा अधिकारी बिलासपुर का कहना है कि लोगों की मांगों को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र का निरीक्षण करवाया जायेगा।