आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का एक साल पूरे होने पर स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने शिमला से जागरूकता पखवाड़े की शुरुआत की। इसके बाद पत्रकार वार्ता में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि योजना में हिमाचल के 22 लाख लोग कवर है। जिनमें से 776452 के गोल्डन कार्ड बनवा लिए हैं। जिममें ईलाज के लिए 30,59,52,459 खर्च किया गया। सबसे ज़्यादा कार्ड 170413 मंडी जिला के बने हैं। साथ ही मंडी जिला के ही सबसे ज़्यादा 6334 लाभार्थियों ने इलाज करवाया। जिस पर 6,05,81,103 ख़र्च हुआ। जबकि सबसे कम कार्ड लौहल स्पीति में 848 बने जिससे 174 लोगों ने लाभ उठाया और 8,65,550 रुपया इस पर खर्च हुआ।
विपिन परमार ने बताया कि जो लोग आयुष्मान से छूट गए उनको हिम केयर योजना से जोड़ा गया। हिम केयर में 642709 लाभार्थी पंजीकृत हुए है। जिसमें 1 जनवरी से 14 सिंतबर तक 37043 लाभार्थियों ने 37.48 करोड़ रुपए निशुल्क ईलाज का लाभ उठाया। सबसे ज्यादा कार्ड 10261 कांगड़ा जिला में बने जबकि सबसे कम कार्ड स्पीति में 1 बना है।
परमार ने बताया कि आयुष्मान भारत के एक साथ पूरा होने पर आज से जागरूकता पखवाड़ा शुरू किया है जो अगले पंद्रह दिन तक इस योजना के बारे में लोगों को जागरूक करवाएगा। प्रदेश में योजना के अंतर्गत 199 अस्पताल पंजीकृत है जिनमें 52 अस्पताल निज़ी क्षेत्र के हैं। गुर्दों प्रत्यारोपण भी इसी में शामिल करने की योजना है। 30 सिंतबर को दिल्ली में पीएम की मौजूदगी में इन योजनाओं का अवलोकन भी किया जाएगा।
इसके अलावा मुख्यमंत्री स्वास्थ्य कोष से 150 मरीजों के इलाज पर 3.5 करोड़ ख़र्च किया। क्रोनिक बीमारी के लिए 2 हज़ार पेंशन दी जा रही है। बाद में पत्र बम पर विपिन परमार ने इसे ओछी राजनीति बताया और सभी आरोपों को मनगढ़ंत करार दिया।