कभी शांत माने जाने वाला पठानकोट जिले का बमियाल सेक्टर अब आतंकियों की चहल-पहल से अशांत हो चुका है। अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ सटा यह सेक्टर आतंकियों के भारतीय सीमा सहित पंजाब और जेएंडके में घुसने का जरिया बन रहा है। हाल ही में लखनपुर तक पहुंचे तीन आतंकियों का रास्ता भी बमियाल सेक्टर बना।
साल 2010 के बाद से बमियाल लगातार चर्चाओं में बना हुआ है। जम्मू-कश्मीर या पंजाब में आतंकी वारदातों में घुसपैठ के मार्ग बमियाल क्षेत्र से बने हैं। सीमा पर बीएसएफ और जिले के विभिन्न कोनों पर पुलिस की पैनी निगाह होने के बाद भी आतंकी इस क्षेत्र को अपने पनाहगार व यातायात के रूप में प्रयोग कर रहे हैं।
नौ साल पहले आया चर्चा में
चार अप्रैल 2010 को पूरे देश में बमियाल सेक्टर का नाम चर्चा में आया था। पाकिस्तान से घुसपैठ कर इस एरिया में पहुंचे आतंकवादियों की मौजूदगी की भनक पंजाब पुलिस को लगी थी और रतलमा गांव में हुए एनकाउंटर में दोनों आतंकी मारे गए थे। इस आतंकी हमले में पंजाब पुलिस के भी 2 जवान शहीद हुए थे। घटना के बाद से इस एरिया में लगातार एक के बाद एक ऐसी घटनाएं होती गईं। वहीं, साल 2015 में दीनानगर और 2016 में पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमलों में भी आतंकवादियों की मूवमेंट बमियाल सेक्टर से रही थी।
अब फिर बमियाल सेक्टर चर्चा में
बीते वीरवार को कठुआ पुलिस की ओर से पकड़े गए आतंकियों और बरामद हथियारों मामले में बमियाल सेक्टर का नाम उबरा। जेएंडके पुलिस की जांच में खुलासा किया गया कि आतंकियों ने बमियाल क्षेत्र के संपर्क मार्गों को जम्मू में पहुंचने का जरिया बताया। स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लगातार इस बात की पड़ताल जुटी हैं कि इस क्षेत्र में आतंकवादी अपना नेटवर्क बनाने में कामयाब होते हें। बीते सालों में आतंकी गतिविधियों को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के दावे किए गए थे, पर यह नाकाम साबित हुए हैं।
इसलिए हैं बमियाल संवेदनशील
भौगोलिक स्थिति की बात करें तो करीब 15 किलोमीटर का एरिया जम्मू-कश्मीर की सीमा से सटा हुआ है। जबकि, बमियाल सेक्टर के साथ सात किमी. तक अंतरराष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान केे साथ जुड़ी हुई है। यहां पर पंजाब पुलिस की ओर से नाकाबंदी कर सुरक्षा बढ़ाई गई है, पर पुलिस की सुरक्षा और नाकों पर रूटीन का काम चल रहा है। पुलिस जवानों के पास उपकरणों की कमी और कम संख्या परेशानी बनी हुई है। यहां पर पुलिस नाकों में कई संदिग्ध अपनी गाड़ियां छोड़कर फरार होने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैंं। सीमा पर सुरक्षा में कमी पर संपर्क मार्ग तस्करी का भी मामला चरम पर है।
सुरक्षा मजबूत करने के लिए उठाए जा रहे कदम
डीएसपी ग्रामीण सुच्चा सिंह ने कहा कि पुलिस की ओर से सीमावर्ती इलाके में पूरी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। अगर पुलिस जवानों के पास अत्याधुनिक उपकरण मौजूद होंं तो सुरक्षा और कड़ी की जा सकती है। उच्चाधिकारी इस घटना के बाद अपने स्तर पर पड़ताल में जुटे हैं, सुरक्षा को मजबूत करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।