प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में कैबिनेट ने ई-सिगरेट पर पाबंदी का फैसला लिया है। इसके साथ ही कैबिनेट ने फैसले पर अमल के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने भारत में ई-सिगरेट के उत्पादन, बेचने, इंपोर्ट, एक्सपोर्ट, ट्रांसपोर्ट, बिक्री, डिस्ट्रीब्यूशन, स्टोरेज और विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस अध्यादेश में हेल्थ मिनिस्ट्री ने पहली बार नियमों के उल्लंघन पर एक साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना का प्रस्ताव दिया है। वहीं एक से अधिक बार नियम तोड़ने पर मिनिस्ट्री ने 5 लाख रुपये जुर्माना और 3 साल तक जेल की सिफारिश की है।
ई सिगरेट का सेवन करने से व्यक्ति को डिप्रेशन होने की संभावना दोगुनी हो जाती है। एक शोध के मुताबिक जो लोग ई सिगरेट का सेवन करते हैं, उन्हें हार्ट अटैक का खतरा 56 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। वहीं लंबे समय तक इसका सेवन करने से ब्लड क्लॉट की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। ई-सिगरेट एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक इनहेलर होता है, जिसमें निकोटिन और अन्य रसायनयुक्त तरल भरा जाता है। ये इनहेलर बैट्री की ऊर्जा से इस लिक्विड को भाप में बदल देता है, जिससे पीने वाले को सिगरेट पीने जैसा अहसास होता है।