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हिमाचल की बेटी प्रियंका चौधरी विश्व स्तर पर करेगी भारत का नाम रौशन

मनोज धीमान |

कजाखस्तान के नुर-सुल्तान में 21 सितम्बर  से 23 सितम्बर तक होने जा रही विश्व ग्रैपलिंग चैम्पियनशिप में भारत के शीर्ष ग्रैपलर्स का असल इम्तिहान होने जा रहा है। इसमें हिमाचल प्रदेश की एक मात्र ग्रैपलर प्रियंका ने 11 सदस्यीय टीम में अपनी जगह पक्की है। प्रियंका जिला कांगड़ा में ज्वाली तहसील के अंतर्गत भनेई गांव की निवासी है।

वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए 53 कि.ग्रा. भार वर्ग में प्रियंका भारत की तरफ से अपने प्रतिद्वंदियों से टक्कर लेगी। हिमाचल प्रदेश ग्रैपलिंग संघ के महासचिव अमित कुमार चौधरी ने कहा कि विश्व प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए भारत की राष्ट्रीय टीम में 11 व्यक्तियों के दल के साथ आज दिल्ली से कजाखस्तान के लिए उड़ान भरी है। इनकी भारत वापसी 25 सितम्बर को होगी।

मध्यम वर्गीय परिवार से आती हैं प्रियंका

19 वर्षीय प्रियंका एक मध्यम वर्गीय परिवार से सम्वन्ध रखती हैं और उसके पिता राकेश कुमार जल विभाग में कार्यरत हैं। प्रियंका अभी राजकीय महाविद्यालय देहरी में BA 1st ईयर की छात्रा है। पिछले 3 सालों से प्रियंका ने बजरंग अखाडा ज्वाली में ग्रैपलिंग का कड़ा अभ्यास किया। ये पहला मौका है जहां यूनाइटेड वर्ल्ड रेस्टलिंग और वर्ल्ड ग्रैपलिंग कमेटी के द्वारा ओलंपिक स्टाइल्स कुश्ती की वर्ल्ड चैम्पियनशिप के साथ-साथ वर्ल्ड ग्रैपलिंग चैम्पियनशिप की मेजबानी की जा रही है।

प्रियंका ने ग्रैपलिंग में 2018 राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 1 रजत पदक, इंडियन ओपन 2018 अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिता 2018 में 1-1 स्वर्ण पदक, राष्ट्रीय ग्रैपलिंग प्रतियोगिता 2019 में 1 स्वर्ण और 1 रजत पदक, भूटान में आयोजित साउथ एशियाई ग्रैपलिंग चैंपियनशिप 2019  में दो स्वर्ण पदक हासिल कर अपना वर्चस्व कायम किया है।

प्रियंका ने कहा की विश्व ग्रैपलिंग प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये भारतीय ग्रैपलिंग संघ के हरियाणा के गोहाना में 10 दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में भाग ले कर कड़ी मेहनत की है। यहां वे कजाकिस्तान के नूर सुल्तान में कुश्ती की बड़ी-बड़ी हस्तियों से मिलने को उत्साहित हैं। वही उसे वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिये अंतरराष्ट्रीय तरह के मानकों के मैट पर प्रशिक्षण न कर पाने का मलाल उसे खल रहा है, लेकिन उन्हें विश्वास है कि वे अपने देश के लिये मेडल लाने के लिये जी जान से मुकाबला करेगी।