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करंट लगने से हुई युवक की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाए इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप

सुनिल ठाकुर, बिलासपुर |

गत दिवस यहां के समीपी पंचायत टरवाड के गांव मिओठ में करंट लगने से हुई युवक की मौत पर परिजनों ने नयना देवी के सामुदायिक स्वास्थ्य  केंद्र के डाक्टरों को जिम्मेदार ठहराया है आज नयना देवी में पत्रकारों के साथ अपना ब्यान साझा करते हुए परिजनों ने कहा कि नयना देवी के गांव घ्वांडल में अगर डाक्टर ठीक समय पर इलाज करते तो उनके बेटे की जान बच  सकती थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि जब सुबह 7 बजे मूर्छित  अवस्था में जगदेव को स्वास्थ्य केंद्र घ्वांडल में लाया गया तब डाक्टर अपने  कमरे में आराम फरमा रहे थे तथा जब जगदेव के बारे में  डाक्टरों को बताया कि हालत गम्भीर है तो डाक्टरों ने कहा कि उनकी ड्यटी नहीं है और दूसरे डाक्टर की ड्यूटी है। जब परिजन दूसरे डाक्टर के पास गए तो उसने भी यही कहा कि उसकी ड्यूटी नहीं है। ऐसे में अस्पताल में बैठे फार्मासिस्ट ही  जगदेव को देख रहे थे क्योंकि जगदेव की हालत काफी नाजुक थी जबकि, डाक्टर एक दूसरे की ड्यूटी बताते बताते रहे तथा उधर 2 घंटे बीत जाने के बाद  जगदेव ने अपने प्राण त्याग दिए तथा डाक्टर्स नहीं पहुंचे। 

मृतक के परिजन ने बताया कि घवांडल  में यह डॉक्टरों का कैसा वर्ताव है जबकि एक इमरजेंसी में उन्हें मरीज को देखना चाहिए था ऐसे में वो एक दुसरे की ड्यूटी में ही समय गंवाते रहे तथा यह डॉक्टरों की एक बड़ी गलती है ! गोर हो कि गत दिवस नयना देवी के समीपी पंचायत टरवाड के गाँव मिओठ में आटे की चक्की की मोटर को लगाते हुए करंट लग गया था तथा उसे उसी समय घ्वांडल  में लाया गया जिसे काफी देर के बाद देखने के बाद मृत घोषित कर दिया था। यहां यह बता दें कि वर्तमान  में नयना देवी में मात्र एक ही अस्पताल है नयना देवी के साथ लगते कई गांव के मरीज यहां आते हैं तथा ऐसे में डाक्टरों का व्यवहार का अगर यही हाल रहा तो किसी भी मरीज के लिए घातक सिद्ध हो सकता है ।
 

उधर जब इस सबंध में बीएमओ मार्कंड डाक्टर परवीन  से पूछा तो उन्होंने कहा अभी तक कोई भी लिखित रूप से शिकायत नहीं आई है ऐसे में जब शिकायत आयेगी तो वो इस बात का पता करेंगे कि किस डाक्टर की  ड्यूटी थी तथा आगामी कार्यवाई लाई जायेगी।

वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि नयना देवी के इस अस्पताल में डाक्टरों का यही हाल है तथा एक दूसरे पर आरोप लगाते रहते हैं तथा कभी भी अपनी  ड्यूटी को नहीं समझते तथा सारा बोझ फार्मासिस्टों पर छोड़ रखा है तथा जब जगदेव को भी मूर्छित अवस्था में यहां  लाया गया था परन्तु डाक्टरों का एक दुसरे  की ड्यूटी बताते रहे और तब तक  जगदेव दम तोड़ गया।  परिजनों ने  सरकार से डाक्टरों के खिलाफ अब कार्यवाई की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि ऐसे डाक्टर अगर अस्पताल में रहे तो मरीजों का क्या हाल होगा ऐसे में इन डाक्टर्स के खिलाफ सरकार कार्यवाई करे।