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बिलासपुरः समाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं ने नशा माफियाओं के विरोध में निकाली रोष रैली

सुनील ठाकुर, बिलासपुर |

जिला बिलासपुर में समाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं बिलासपुर में ने हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर नशे के अवैध कारोबार  में संलिप्त बड़े तस्करों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई करने की दृष्टि से और नशा तस्कर माफिया के विरुद्ध  पुलिस की उपेक्षापूर्ण कार्यवाही के विरोध में रैली का आयोजन किया। यह रैली बिलासपुर में स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर  से आरम्भ हुआ जबकि इसका समापन जिलाधीश कार्यालय परिसर में हुआ। विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं के समाजसेवियों ने आरोप लगाया कि खेतों में फसल की रक्षा के लिए लगी ही फसल को खाने लग जाए तो ऐसे में बाड़ की क्या आवश्यकता शेष बचती है। जब नशीले पदार्थ बेचने वाले सौदागरों को पकड़ने के लिए समाज सेवी सूचना देते हैं तो  पुलिस कर्मियों के द्वारा रेड की जाती है।

हैरानी की बात तो यह है कि रेड से पूर्व ही पुलिस के कुछ कर्मी नशे के सौदागरों को रेड के प्रति सूचित कर देते हैं। जब रेड की जाती है तो अंदर कुंडी लगाकर समाजसेवियों को दूर रखा जाता है। ऐसे भी मामले सामने आए हैं उतने में नशे के सौदागर नशीले पदार्थों को टॉयलेट के माध्यम से गटर में बहा देते हैं। हमारे कहने का अर्थ मात्र इतना सा है कि नशीले पदार्थों के अवैध गैरकानूनी कारोबार में संलिप्त अपराधियों के गिरेवान तक पुलिस  को सूचना उपलब्ध करवा कर सहयोग प्रदान करने वाले समाजसेवियों पुलिस कर्मियों की लाचार कार्यशैली से समाजसेवी अपने आपको असुरक्षित समझ रहे हैं। इस रैली का आयोजन  नगर सुधार समिति के आह्वान पर आयोजित किया।  रैली को सम्बोधित करते हुए समाजसेवियों ने रोष प्रकट किया गया कि पुलिस के सामने अवैध नशा बेचने के आरोपी ने समिति के प्रधान और मुनीर अख्तर  लाली को जान से मार देने की धमकियां और गालियां दी, लेकिन पुलिस मूक दर्शक बन खड़ी रही।  

गत 6 सितंबर  को जब पुलिस ने नशे को पकडने के लिए डियारा सैक्टर में छापेमारी की तो इस छापेमारी के दौरान ही आरोपी ने समिति के प्रैस सचिव तनुज सोनी, कार्यकारिणी सदस्य देवेंद्र सिंह  सहित अन्य कई लोगों के सामने यह धमकियां दीं। समाज सेवी संस्थाओं ने जिलाधीश  राजेश्वर गोयल के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि बड़े नशा तस्करों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल  में लाई जाए। साथ ही नगर सुधार समिति के पदाधिकारियों को पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए। इसके अलावा यह भी विवरण दिया है कि  समाज सेवा में लगी संस्थाओं के लोगों को यदि ऐसी धमकियां मिल सकती हैं तो आम आदमी की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी। चेतावनी भी दी गई कि यदि नशे के अवैध कारोबार में संलिप्त आरोपियों को पुलिस ने नहीं पकड़ा तो सभी समाज सेवी संस्थाएं मिलकर नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ और पुलिस द्वारा इसे रोकने के ढुलमुल रवैये के खिलाफ उग्र जनांदोलन खड़ा करेंगी।