एक तरफ जहां सरकार करोड़ों रुपये "पेड़ लगाओ और पर्यावरण बचाओ" योजना पर खर्च कर रही है। वहीं, दूसरी और सीएम की सुविधा के लिए दर्जनों पेड़ बिना अनुमति के दिन दिहाड़े काट डाले । हालांकि एनजीटी के सीधे और साफ निर्देश हैं कि हिमाचल में बिना अनुमति कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा। लेकिन नाचन विधानसभा क्षेत्र में सरेआम एनजीटी के आदेशों की अवहेलना की गई। सरेआम दिन दिहाड़े 40 से 50 पेड़ काटे गए और बहुत से छोटे छोटे पेड़ों को भी साफ कर दिया गया। सरकार के करोड़ों रुपये खर्च करने के बाबजूद धरातल पर स्थिति अत्यंत भयावह है। धरातल पर हालात यह है कि हिमाचल में जंगलों का लगातार नाश हो रहा है।
स्थानीय लोगों से जानकारी मिली है कि कल मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश नाचन में ख्योड़ मेले के समाप्ति समारोह में शामिल होने के लिए हेलीकॉप्टर से नाचन आ रहे हैं और आज वहां ट्रायल लैंडिंग भी की गई। मौके पर उपस्थित भाजपा कार्यकर्ताओं को हैलीकॉप्टर उतरने वाली जगह जासन में 40-50 पेड़ बाधा बने नजर आए और उन्होंने दिन दिहाड़े वह सब पेड़ काट दिए। जब वहां कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध दर्ज किया तो उन पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने पत्थरों से हमला कर दिया। इतना ही नही कई मुंडो को आग लगा कर सबूत मिटाने की कोशिश भी की गईं। डीएफओ गोहर का कहना था कि डिपार्टमेंट इस बारे शिकायत कर चुका है और अधिकारी पुलिस स्टेशन गए हुए है।।
स्वयंसेवी संस्था राइट फाउंडेशन के पदाधिकारी भी मौके पर गए और खुद हालात का मुआयना किया तथा पाया कि मौके पर 40 से 50 पेड़ काटे पाए गए हैं और कुछ पेड़ सड़क तक लाए जा रहे हैं ताकि उनको वहां से गायब किया जा सके। राइट फाउंडेशन की ओर से एनजीटी को शिकायत की गई है और मांग की गई है कि उपरोक्त मामले में तत्काल प्रभाव से कार्यवाही की जाए और दोषियों को उचित कानूनी सजा दी जाए। राइट फाउंडेशन के अध्यक्ष का कहना है कि यह अंत्यत दुखद है कि मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश का नाचन पधारने के लिए स्वागत है लेकिन इस तरह से पेड़ काट देना बेहद शर्मनाक कृत्य है।