जिला हमीरपुर वार्ड नंबर 10 में म्यूजिक वेलफेयर एसोसिएसशन की बैठक हुई। इस बैठक में जिला से सबंध रखने वाले लगभग सभी शास्त्रीय संगीत साधकों व् लोक कलाकारों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। उन्होंने कहा कि संगठन अपनी मांगों को लेकर पिछले कई वर्षो से प्रदेश सरकार के पास जा रहा है परन्तु प्रदेश सरकार ने अभी तक मांगों को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने संगीत विषय को स्कूल स्तर पर शुरू करने की बात कही थी तथा कई मंचो पर घोषणाएं भी की थी। लेकिन यह बड़े खेद के साथ कहना पड़ता ही कि अभी तक इस विषय से संबधित कोई कार्य नहीं किया गया और यह मात्र घोषणा ही रह गई है।
संगठन प्रदेश के सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों में संगीत विषय को शुरू करने की मांग उठा रहा है। प्रदेश में लगभग 2500 स्कूल हैं जहां वर्ष भर प्रत्येक स्कूल में सांस्कृतिक गतिविधियां चलती रहती हैं लेकिन वहां सांस्कृतिक गतिविधियों के सही रूप से संचालन हेतु संगीत शिक्षकों का अभाव है। विद्यालय में राष्ट्रीय गान, राष्ट्रीय गीत, विद्यालय प्रार्थना आदि बच्चों को सिखाने के लिए तथा विद्यार्थियों को मानसिक रुप से तन्दुरुस्त करने के लिए संगीत विषय आज के समय की मांग है। प्रदेश में 115 के करीब महाविद्यालय हैं। वहां भी आधे से ज्यादा महाविद्यालयों में संगीत विषय नहीं पढाया जा रहा है जो एक चिंतनीय विषय है।
संगठन के जिला सचिव अशोक कुमार ने बताया कि संगीत व्यवसाय से जुड़े हजारों लोग बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। न तो सरकारी क्षेत्र में रोजगार है और न ही निजी स्तर पर। हिमाचल में होने वाले मेलों में भी बाहरी राज्यों के कलाकारों को ही तवज्जो तथा अधिक पैसा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा करवाई जा रही सांस्कृतिक गतिविधियों में भी विभाग केवल खानापूर्ति कर रहा है। इस तरह का मामला हालहि में ज़िला चंबा में संगठन के संज्ञान में आया था। सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं की जजमेंट के लिए शारीरिक शिक्षक तथा अन्य विषयों के शिक्षक बैठा दिए गए जिनका दूर दूर तक संगीत से कोई नाता नहीं है। भविष्य में इस तरह की कोताही को भी संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा। संगठन की जिला ईकाई के अध्यक्ष पंकज मोहन ने प्रदेश सरकार से संगीत विषय प्रदेश के स्कूलों तथा महाविद्यालयों में शुरू करने की मांग की।