हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के महासचिव महेश्वर चौहान ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जब से प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी है तब से हिमाचल के प्राकृतिक संसाधनों, बेशकीमती जमीनों और विरासतों को बेचने का षड्यंत्र चल रहा है। बीजेपी ने विधानसभा चुनावों के दौराने किए अपने सभी वायदों से अब किनारा कर लिया है। प्रदेश की जनता बीजेपी के दोहरे चरित्र से अब तंग आ चुकी है और जनता अब इसका माकूल जवाब उपचुनावों में देगी।
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने प्रदेश की जनता को सबसे बड़ा धोखा 65 हजार करोड़ की लागत से बनने वाले 70 नैशनल हाइवे के नाम पर दिया है, जिससे एक फूटी- कौड़ी भी आज तक प्रदेश को नहीं मिली। लंबे समय से लंबित जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने की मांग पर भी बीजेपी ने केवल राजानीति ही की और समय-समय पर गिरिपार के लोगों को बीजेपी सांसदों और नेताओं ने धोखा दिया और बीजेपी के केंद्रीय मंत्री ने जनजातीय क्षेत्र बनाने की घोषणा करके यहां की भोली-भाली जनता को ठगा।
महेश्वर ने कहा कि डबल ईंजन की दुहाई देने वाली सरकार प्रदेश को आद्योगिक पैकेज दिलाने में भी फेल हुई और स्मार्ट सिटी प्रोजैक्टों पर भी हिमाचल के साथ वायदा खिलाफी हुई। 90:10 फंडिंग पैटर्न को 50:50 किया जा रहा है। बाहरी देशों से सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने के मामले में भी बागवानों को राहत देने में सरकार नाकाम रही। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का हर वर्ग अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है। आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ भी सरकार ने बड़ा कुठाराघात किया है। इनके लिए कोई भी नीति निर्धारण करने में सरकार ने अब असमर्थता जता दी है।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को भंग कर सरकार ने कर्मचारियों के हितों पर प्रहार कर उन्हें शीघ्र न्याय से वंचित कर दिया। जबकि सरकार का सारा वक्त हिमाचल की ज़मीनों को लूटाने में बाहरी हाथों में सौंपने के लिए लगातार धारा-118 का उल्लंघन करने में लगा रहा। टी-आर्चर्ड की आड़ में लैंड सीलिंग एक्ट में संसोधन की बातें हो रही है। हिमाचल के पर्यटन निगम के होटलों को बेचने का प्रयास किया जा रहा है।