साल 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने हमीरपुर के धौलासिद्ध में विद्युत उत्पादन का एक सपना देखा था जिसे साकार करने के लिए 17 वर्ष बाद बुधवार को एमओयू साइन हो गया है। एसजेवीएनएल के साथ बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में 66 मेगावाट की क्षमता वाली 650 करोड़ रुपए से बनने वाली धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना को आगामी साढ़े चार वर्ष में कम्प्लीट करने का एमओयू साइन कर लिया गया है। इस प्रोजेक्ट में 800 लोगों को सीधी नौकरियां मिलेंगीं तथा हज़ारों लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार मिलेगा । हमीरपुर की 10 व कांगड़ा की 8 पंचायतों के केवल 713 परिवार इस परियोजना के बनने से प्रभावित होंगे। इसके अतिरिक्त केवल 338 वर्ग हैकटेयर कृषि , फ़ॉरेस्ट व शामलात ज़मीन डैम में डूबेगी।
आपको बता दें कि धौलासिद्ध परियोजना पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के विकासात्मक एजेंडे का एक सपना था जिसे साकार करने के लिए उन्होंने इसकी डीपीआर, फारेस्ट क्लीयरेंस (प्रथम चरण), एनवायरनमेंटल क्लीयरेंस सहित अन्य पूरी कर ली थीं। प्रेम कुमार धूमल ने हमीरपुर जिला की पहली विद्युत उत्पादन परियोजना को साकार करने के लिए सितंबर 2012 में शिलान्यास करवाने की तैयारी एवं जनवरी 2013 माह में इसका निर्माण कार्य शुरू करने का दृढ़ संकल्प कर लिया था। केंद्र व राज्य में कांग्रेस सरकारें बनते ही धौलासिद्ध प्रोजेक्ट रिजेक्ट होने के कगार पर आ गया तथा इसके अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे।
इसके बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल एवं हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद अनुराग ठाकुर लगातार धौलासिद्ध प्रोजेक्ट को बनाने के लिए प्रयास करते रहे । बुधवार को क़रीब 17 वर्ष बाद धौलासिद्ध प्रोजेक्ट को बनाने के लिए एसजेवीएनएल जयराम सरकार ने एमओयू साइन कर लिया है। हमीरपुर के किसानों के खेतों को पानी , बेरोज़गारों को रोज़गार तथा देश को 66 मेगावाट बिजली देने वाला यह प्रोजेक्ट अगले 54 माह में पूर्ण करने जा लक्ष्य रखा गया है।
ये पंचायतें होंगी प्रभावित
धौलासिद्ध परियोजना के अंतर्गत कुल 18 पंचायतें आ रही हैं। इनमें से 10 पंचायतें जिला हमीरपुर तथा 8 पंचायतें जिला कांगड़ा की हैं। जिला हमीरपुर की चौड़ू, करोट, बनाल, चमयाना, दारला, सुजानपुर, टीहरा, धमरयाना, जोल, बीड़ बगेहड़ा तथा जिला कांगड़ा की टिपरी, कूहन, लाहड़ू, भेड़ी, आलमपुर, जांगल, जगरूपनगर, सकोह शामिल हैं।