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प्लास्टिक मुक्त भारत का संदेश देने के लिए दिव्यांग विरेंद्र ने शिमला से चंडीगढ़ तक शुरू की मैराथन

पी. चंद, शिमला |

राष्ट्रीय स्तर के पैराएथलीट वीरेंद्र सिंह उर्फ बबलू ने प्लास्टिक मुक्त भारत का संदेश देने के लिए हिमाचल की राजधानी शिमला से चंडीगढ़ तक मैराथन शुरू कर दी है। मैराथन सोमवार को रिज मैदान से शुरू हुई करीब 219 किलोमीटर की इस मैराथन का समापन गांधी जयंती पर पंजाब – हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में किया जाएगा। भारत सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय के प्रादेशिक कार्यालय शिमला ओर क्षेत्रीय ब्यूरो चंडीगढ़ द्वारा आयोजित किए जा रहे इस इवेंट में क्रू मेंबर्स पर होने वाले खर्चे के लिए जिला सिरमौर से संबंध रखने वाले डॉ. राम गोपाल, राजेंद्र शर्मा, अशोक कंठ, प्रो रविंद्र और विजेंद्र शर्मा आदि समाजसेवियों द्वारा कुछ सहयोग राशि भी दी गई है।

राष्ट्रीय स्तर की 8 पैराएथलिटिक प्रतियोगिताओं में मेडल जीतने के अलावा विरेन्द्र सिंह तीन ओपन मैराथन को भी देश के प्रतिष्ठित धावकों के साथ तय समय में पूरा कर चुके हैं। उपमंडल संगड़ाह के गांव लगनू का रहने वाला यह धावक इससे पूर्व गत 14 और 17 मई को क्षेत्र के लुधियाना स्कूल की 14 वर्षीय उर्मिला के किडनी के इलाज के लिए भी दो चैरिटी रन कर चुका हैं। प्रर्यावरण को प्लास्टिक से मुक्ति का संदेश देने के लिए आयोजित होने वाली शिमला से चंडीगढ़ मैराथन उनकी अब तक की सबसे लंबी दौड़ है।

उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रर्यावरण को प्लास्टिक कचरा मुक्त किए जाने मुद्दा विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों से उठाए जाने से प्रभावित होकर उन्होंने इस मैराथन का निर्णय लिया। प्लास्टिक फ्री इंडिया मैराथन में सहयोग के लिए उन्होंने भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, अपने आयुर्वेदिक विभाग तथा अन्य सहयोगियों का धन्यवाद किया। हिमाचल प्रदेश में अपनी तरह के इस पहले इवेंट के लिए यह दिव्यांग धावक पूरी तैयारी कर चुका है। उन्होंने लोगो से भी अपील की की वे प्लास्टिक का प्रयोग न करे।