एससी-एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आंशिक तौर पर अपना फैसला बदल लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पुराने फैसले में कुछ आंशिक बदलाव किए हैं। नए बदलाव के मुताबिक अब सरकारी कर्मचारी और सामान्य नागरिक को गिरफ्तार करने से पहले अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों को हल्का करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर केंद्र सरकार को राहत मिली है। जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस बी आर गवई की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अब सरकारी कर्मचारी और सामान्य नागरिक को गिरफ्तार करने से पहले अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।
इससे पहले शिकायत दर्ज करने के बाद जांच करने पर ही FIR दर्ज करने का कोर्ट ने आदेश दिया था। हालांकि अब उसमें कोर्ट ने बदलाव कर दिया है। जिसके तहत अब पहले जांच जरूरी नहीं है। दरअसल, 2018 के अपने फैसले में कोर्ट ने अग्रिम जमानत का प्रावधान दिया था। साथ ही गिरफ्तारी के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसके बाद दलित संगठनों के विरोध को देखते हुए केंद्र सरकार ने रिव्यू पिटिशन दाखिल की थी।