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गांधी जयंती के दिन से हिमाचल में सिंगल यूज प्लास्टिक की खरीद शुरू

समाचार फर्स्ट डेस्क |

गांधी जयंती 2 अक्टूबर के दिन से हिमाचल सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक की खरीद शुरू कर रही है। आरंभ में प्रदेश के 14 स्थानीय निकायों से अभियान की शुरूआत होगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हाल ही में कैबिनेट बैठक के बाद सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक को 75 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदने की नीति को अधिसूचित किया है। प्रारंभ में प्रदेश के 14 स्थानीय निकाय सिंगल यूज प्लास्टिक खरीदेंगे।

प्लास्टिक की खरीद के लिए स्थानीय निकायों में कलेक्शन सेंटर बनेंगे। खरीदे गए प्लास्टिक का उपयोग लोक निर्माण विभाग राज्य में सडक़ निर्माण के लिए करेगा। यही नहीं, सड़कों की टारिंग में प्लास्टिक का उपयोग होने से विभाग को कई लाख रुपए की बचत भी होगी। उल्लेखनीय है कि हिमाचल में हर साल 60 से 65 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा इकट्ठा होता है। इसमें से महज 3 टन कचरे को ही वैज्ञानिक तरीकों से ठिकाने लगाया जाना संभव है। बाकी का प्लास्टिक कचरा पर्यावरण व पेयजल स्रोतों को भी बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। साथ ही प्लास्टिक में पाए जाने वाले कैंसर कारक तत्व सेहत को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

हाल ही में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने प्रदेश में थर्मोकोल के कप-प्लेट्स के अलावा प्लास्टिक से बनी कई अन्य चीजों के उपयोग पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया। साथ ही पिछले साल मई महीने में पर्यावरण संरक्षण के मकसद से प्लास्टिक हटाओ पर्यावरण बचाओ अभियान चलाया। एक ही दिन में शिमला में करीब 26.255 टन कचरा एकत्र हुआ। इसमें से 8,47 टन प्लास्टिक कचरा था। अब पीएम नरेंद्र मोदी की पहल पर हिमाचल सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक को खरीदने की नीति बनाई है। नीति के तहत खरीदे गए प्लास्टिक का उपयोग सड़कों के निर्माण तथा सीमेंट कंपनियों में उपयोग में आने वाले आरडीएफ इंधन बनाने के लिए होगा।

सरकार द्वारा इस मकसद से अधिसूचित नीति के मुताबिक 5 सालों में सिंगल यूज प्लास्टिक की खरीद के लिए दो करोड़, 81 लाख, 25 हजार रुपयों की जरूरत होगी। पहले साल राज्य विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आधी-आधी राशि प्लास्टिक कचरे की खरीद पर खर्च करेंगे। सरकार ने 5 सालों की खरीद का पूरा ब्योरा व खर्च करने वाले विभागों अथवा स्थानीय निकायों की हिस्से की रकम भी नीति में अधिसूचित की है। लंबे अरसे से विभिन्न अभियानों के कारण ही हिमाचल में प्लास्टिक कचरे को लेकर देश के अन्य राज्यों के मुकाबले स्थिति बेहतर है।