कहते हैं शौक और मजबूरी आपसे जिंदगी में कुछ भी करवा सकते हैं। फिर चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े। पर्यटन नगरी मनाली की रवीना की कहानी तो कम से कम ऐसी ही है। दो हजार टैक्सी चालकों के बीच इकलौती महिला टैक्सी चालक हैं। हिमाचल की ये पहली महिला टैक्सी ड्राइवर जोगिंदरनगर की रहने वाली है। रवीना अपनी मां, छोटा भाई और छोटी बहन के साथ रहती है।
रवीना ने इसी साल कॉमरशियल व्हीकल लाइसेंस प्राप्त किया था और तीन साल के अंदर एक कुशल ड्राइवर बन गयी। रवीना के पिता भी ड्राइवर थे और उन्होंने ही रवीना को ड्राइविंग सिखाई थी। लेकिन तीन साल पहले बीमारी से जुझते हुए उनके पिता का देहांत हो गया और परिवार की सारी जिम्मेवारी रवीना के कंधों पर आ गई।
रवीना ने रेगुलर पढ़ाई छोड़ प्राईवेट पढ़ाई शुरू की। साथ ही परिवार के लिए कमाई का कोई साधन न होने के कारण टैक्सी चलाना भी शुरू कर दिया। रवीना बताती है कि उनका सपना आर्मी ज्वाइन करने का है लेकिन मजबूरी के कारण टैक्सी चलानी पड़ रही है। वह नहीं चाहती कि वह किसी पर भी बोझ बने। इससे वह अपने घर की आजीविका भी चला रही है।
वीना की माता शांता देवी का कहना है कि उन्हें काफी खुशी है कि उनकी बेटी मनाली में टैक्सी चला रही है। इसके पापा भी टैक्सी चलाते थे। उन्होंने बताया कि पति की मृत्यु के बाद उनके पास आय का कोई साधन नहीं था, तब उनकी बेटी आगे आई और टैक्सी चलाना शुरू कर दिया।