शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में शुक्रवार को 3 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फैस्टिवल का आगाज हो गया है। इसमें देश-विदेश की 76 फिल्में दिखाई जाएंगी। फिल्म फैस्टिवल के पहले दिन 15 फिल्में दिखाई गईं। इनमें शॉर्ट, डॉक्यूमैंट्री व एनिमेशन फिल्में शामिल रहीं। अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फैस्टिवल का शुभारंभ फिल्म डिवीजन के पूर्व निदेशक वीएस कुंडू ने किया। इस मौके पर सैटर ऑफ एक्सीलैंस कॉलेज संजौली, सेंट बीड्स कॉलेज, आरकेएमवी शिमला, इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज एवलॉज और हैरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म के विद्यार्थियों सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
पहले दिन ईरान की केडर, द इनकंप्लीट, टर्बिड, मुंबई की वूंब व कैंबे पैटनी, पैंसिल फोर बी, डू आइ एग्जिस्ट, हिमाचल के चम्बा की ड्रीम वन, शिमला की दान, असम की किये रोस्कुरो, महाराष्ट्र की पैंप्लेट, दिल्ली की मधुबानी, ग्यामो, ऑटोमन व लखनऊ की बर्निंग फिल्म को गेयटी थिएटर में दिखाया गया। पहले दिन आरयूए वॉलीबाल फिल्म ने खूब तालियां बटोरीं, जिसका निर्देशन ईरानी निर्देशक मोहम्मद बख्शी ने किया है।
फैस्टिवल का शुभारंभ करने पहुंचे फिल्म डिवीजन के पूर्व निदेशक वीएस कुंडू ने कहा कि उभरते हुए नए कलाकारों और निर्देशकों के लिए यह आयोजन काफी लाभकारी है। फिल्में समाज का आईना होती हैं और लोगों को फिल्म के माध्यम से समाज की बेहतरी के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज के समय मे हर व्यक्ति के पास फिल्म बनाने के साधन पहुंच गए हैं लेकिन फिल्म बनाने के बारे में जानकारी नहीं है, जिससे अच्छी चीजें सामने नहीं आती हैं।
फिल्म फैस्टिवल में मदुबनी दा स्टेशन ऑफ कलर जोकि इस साल 66 नैशनल अवार्ड के लिए चुना गया है। यह डॉक्यूमैंट्री फिल्म को शुक्रवार को प्रदर्शित की गई। ये फिल्म बिहार की मदुबनी रेलवे स्टेशन पर दर्शाई गई है। इस फिल्म के निदेशक कमलेश के मिश्र ने कहा कि इस फिल्म के माध्यम से जहा स्वच्छता का संदेश दिया गया है, वहीं लोक कला को प्रमोट किया गया है।
उन्होंने कहा कि 2017 में भारत के सबसे गंदे रेलवे मदुबनी स्टेशन को चुना गया। रेलवे के अधिकारियों ने इस स्टेशन की तस्वीर बदलने की सोची ओर लोक चित्रकारों से बात की ओर मधुवनी आर्ट से सैंकड़ों कलाकारों ने 2 महीने में पेंटिंग से संवार दिया, जिसे 2019 में देश का सबसे खूबसूरत स्टेशन चुना गया।