प्रदेश में कई नशा मुक्ति केंद्र और पुनर्वास केंद्र चल रहे हैं। लेकिन इनकी संख्या प्रदेश में कितनी है और यहां मरीजों का इलाज कैसे किया जाता इसके बारे में पूरी जानकारी प्रशासन को नहीं है। इसलिए राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण प्रदेश में चलने वाले विभिन्न नशा मुक्ति केंद्र और पुनर्वास केंद्रों पर नजर रखेगा। यही नहीं, इसके लिए जिला स्तर पर भी एक दल का गठन करेगा और जिला में चल रहे सभी केंद्रों का निरिक्षण कर ये दल राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण को रिपार्ट भी भेजेगा।
निरिक्षण में अगर ये पता चलता है कि कोई केंद्र WHO के न्यून्तम मानकों को पूरा नहीं कर रहा है तो उसे बंद कर दिया जाएगा। शिमला में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रैंस के दौरान राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ डॉ. संजीव पाठक ने ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इससे पहले प्रदेश में चल रहे सभी नशामुक्ति और पुनर्वास केंद्रों को SMHA के साथ पंजीकृत होने के लिए कहा गया था लेकिन अभी तक केवल 42 ही केंद्र पंजीकृत हुए है। ये सभी केंद्र निजी हैं जिनमें ऊना से 15, सोलन से 14, कांगड़ा से 5, शिमला से 4, मंडी से 2, कुल्लू से 1 और हमीरपुर से 1 केंद्र शामिल हैं।