हिमाचल किसान सभा के नेतृत्व में बागवानों ने शिमला में प्रदर्शन किया। बागवानों का कहना है कि ये प्रदर्शन आढ़तियों द्वारा बकाया भुगतान न करने, विभिन्न मण्डियों में आढ़तियों द्वारा की जा रही गैर कानूनी काट और APMC की लचर प्रणाली को लेकर किया गया है। साथ ही बागवानों ने सरकार से मांग की कि बागवानों के पिछले सालों और इस साल के आढ़तियों ने जो बकाया भुगतान करना है उसे तुरन्त करवाया जाए। बागवानों से गैर कानूनी रूप से की गई काट को तुरन्त वापस लौटाया जाए।
बागवानों ने कहा कि अधिनियम, 2005 के प्रावधानों को इन मण्डियों में सख्ती से लागू करे, इसको लागू करने में पूरी तरह से विफल रही हैं। आज भी बड़ी संख्या में आढ़ती बिना लाइसेंस के गैर कानूनी तौर पर कारोबार कर रहें हैं। लेकिन APMC इन पर कोई भी कार्रवाई करने से कतराती है और न ही सरकार का कोई अन्य विभाग इस पर कार्रवाई कर रहा है।
इसके साथ लाइसेंस जारी करने के समय ही प्रत्येक आढ़ती और कारोबारी से सुरक्षा के रूप में नकद में बैंक गारंटी का कानूनन प्रावधान भी है। जिस दिन किसान और बागवान का उत्पाद बिके उसी दिन उसके भुगतान का स्पष्ट प्रावधान भी अधीनियम में है। यदि आढ़ती या कारोबारी भुगतान नहीं करता है तो APMC आढ़ती के विरुद्ध तुरंत कार्रवाई कर बागवानों को समय पर भुगतान करवाएगी। लेकिन इस वर्ष भी सैंकड़ों आढ़ती ऐसे हैं जिन्होंने लाइसेंस लिया ही नहीं औऱ बिना लाइसेंस के ही कारोबार कर रहे थे।
किसान सभा ने मांग की है कि सरकार किसानों औऱ बागवानों का बकाया भुगतान तुरन्त करवाए तथा दोषी आढ़तियों -कारोबारियों के विरुद्ध तुरन्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाए। APMC और मार्केटिंग बोर्ड द्वारा अपना उत्तरदायित्व का निर्वहन में कोताही बरतने के लिये दोषी अधिकारियों के विरुद्ध मुकद्दमा दायर कर उनके विरुद्ध कढ़ी क़ानूनी कार्रवाई की जाए। यदि सरकार समय रहते किसानों और बागवानों की इन समस्याओं का समाधान नहीं करती तो किसान सभा किसानों तता बागवानों को लामबंद कर तब तक आंदोलन चलाएगी जब तक कि उनकी मांगों को समाधान नहीं किया जाता है।