राज्यपाल और प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि विश्वविद्यालय जैसे संस्थान स्किल इंडिया के मॉडल बनें। यहां किए जाने वाले शोध जमीनी स्तर पर खेतों तक जाने चाहिए। पदभार संभालने के बाद एचपीयू के पहले दौरे के दौरान राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीयता हमारी पहचान है। वह विवि में राष्ट्रवाद आधुनिक भारत का कर रहा निर्माण विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्यातिथि थे।
इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रवाद सर्वमान्य रूप से परिभाषित करना आसान नहीं है। राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव ही नागरिकों में एकजुटता के लिए आवश्यक है। देश में सांस्कृतिक धार्मिक, भाषाई विविधता वाला देश है।
बावजूद इसके राष्ट्रवाद ही वो मुख्य कड़ी है, जो नागरिकों को सांस्कृतिक, जातीय, पृष्ठभूमि से संबंधित होने के बावजूद एकजुट रखता है। किसी भी विकसित राष्ट्र का नागरिक की पहचान उसके देश से होती है।
लंबे अंतराल के बाद हम राष्ट्रीयता की भावना पैदा नहीं कर पाए, मगर केंद्र की सरकार एक राष्ट्र एक संविधान की वचनबद्धता को पूरा कर गौरवान्वित किया है। भारत को कश्मीर से कन्याकुमारी तक एकजुट करने में भूमिका निभाई है। दत्तात्रेय ने कहा कि एक खिलाड़ी अपने राष्ट्रगान की धुन बजने पर गौरवान्वित महसूस करता है।
उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रमों में देश के वीर सपूतों के बलिदान की गाथाओं को बढ़ाया जाना चाहिए। राष्ट्रवादी सोच देश के विकास के लिए जरूरी है। शिक्षित भारत, सशक्त भारत, स्वच्छ भारत, भ्रष्टाचारमुक्त, आतंकवाद मुक्त, बेरोजारी मुक्त और वैज्ञानिक भारत की सोच के साथ आगे बढ़ना है। उन्होंने युवा पीढ़ी को स्किल इंडिया के तहत कौशल विकसित करने पर जोर दिया।
राज्यपाल ने विवि के कुलाधिपति के नाते कहा कि वह जल्द अलग से विवि का दौरा कर आम छात्र-छात्राओं से बातचीत करेंगे। उन्होंने शोध अनुसंधान और कौशल विकास पर जोर देने की बात कही। कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार और तमाम अधिकारियों ने राज्यपाल का विवि पहुंचने पर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। कुलपति कार्यालय में लंबी चर्चा हुई।