संधोल विद्युत उपमंडल लगभग डेढ़ दर्जन कर्मियों की कमी से जूझ रहा है। विद्युत उपमंडल संधोल के अंतर्गत 33 केवी सब स्टेशन में भले ही विभाग ने लाखों खर्च करके यंहा आने वाले नियुक्त स्टाफ की सुविधा के लिए शानदार क्वार्टर बनवाये हैं। लेकिन सब डिवीज़न में स्टाफ ही नहीं है तो विभाग ने ये क्वार्टर प्रवासी मज़दूरों को किराए में ही दे दिए। यह खुलासा तब हुआ जब सोहर पंचायत के प्रधान प्रेम चंद गुलेरिया ने मौके पर देखा कि संधोल 33 केवी के स्टाफ क्वार्टर में कोई प्रवासी मज़दूर रह रहे हैं जिन्होंने वहां गंदगी फैला रखी है।
विभागीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि उक्त क्वार्टर का एचआरए भी कर्मचारियों से काटा जा रहा है। जबकि इन क्वार्टरों में कई मज़दूर पिछले कई महीनों से रह रहे हैं जिसकी जानकारी जेई से लेकर एक्सईएन तक को है। लेकिन इनकी मिलीभगत से ही यह मज़दूर यहां अवैध तरीके से बसाए गए हैं।
प्रधान ने बताया कि ये प्रवासी मजदूर उन राजनीतिक रसूख़ रखने वाले ठेकेदारों के हैं जिन्होंने विद्युत विभाग के कार्यों के ठेके ले रखें हैं। ऐसे में बिना विभाग की जानकारी के सम्भव नहीं की वो सरकारी आवासों ने प्रवासी मजदूरों को ठहराया जाए। खबर फैलने से विभाग में काफी हड़कंप मच गया है।
इस बाबत जब इंचार्ज एस ई शांडिल्य से जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है वे एक्सईएन से बात करके स्थिति की जानकारी लेंगे। वहीं, एक्सईएन विवेक धीमान ने बताया कि उन्हें अभी इसका पता चला वो इस सारे प्रकरण की जांच एसडीओ धर्मपुर से करवायेंगे ओर जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।