कांग्रेस के पुराने नेता और सरकार में पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा के बीजेपी में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की टेंशन बढ़ने लगी है। इसी कड़ी में रविवार को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर के बीच एक बैठक हुई। दोनों नेताओं के बीच तीन घंटे तक चली इस बैठक में मुख्य रूप से मंडी घटनाक्रम पर चर्चा हुई और मंडी के किले को दोबारा खड़ा करने पर सोच-विचार किया गया।
खबर तो यह भी है मुख्यमंत्री ने खुद ठाकुर कौल सिंह को मीटिंग के लिए बुलाया था और बैठक में उनकी बेटी चंपा ठाकुर को मंडी से चुनाव लड़ने पर जोर दिया गया। हालांकि, मंडी से कांग्रेस का चेहरा कौन होगा ये तो कुछ दिनों में पता चलेगा। लेकिन, कांग्रेस नेताओं का ये कॉन्फिडेंस बताता है कांग्रेस ने मंडी से अपना चेहरा चुन लिया है।
गौरतलब है कि चुनावी बेला में हाईकमान का वीरभद्र के नाम नेतृत्व पार्टी के बड़ी मुसीबत बन गया है। पार्टी के तमाम नेता कांग्रेस छोड़ने की कागार पर हैं। लिहाजा, बीजेपी ने कांग्रेस के किले मंडी पर तो सेंध तो लगा चुकी है, लेकिन यदि कांग्रेस के बाकी किलों को भी बीजेपी ने भेद लिया तो बीजेपी का 60 प्लस मिशन आसान हो जाएगा।