जिला कुल्लू में 520 मेगावाट की पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण-3 में 8 किलोमीटर लंबी हेडरेस टनल में आई लीकेज को रोकने में एनएचपीसी प्रबंधन पूरी तरह से विफल रहा है। एनएचपीसी टनल के अंदर फाल्ट ढूंढने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। इस कारण संपागणी की पहाड़ी में भारी रिसाव हर रोज बढ़ता जा रहा है।
गौरतलब है कि पार्वती प्रोजेक्ट की हेडरेस टनल में साल 2014 में पहली लीकेज हुई थी। हालांकि उस वक्त टनल में लीकेज बहुत कम मात्रा में हो रही थी, लेकिन पिछले चार सालों से लीकेज हर रोज बढ़ती जा रही है। इससे संपागणी व बिहाली गांव के लोग दहशत के माहौल में जीने को मजबूर हैं।
वहीं, एनएचपीसी ने उक्त टनल की मरम्मत के लिए दो बार भारत सरकार से मरम्मत करने की स्वीकृति मांगी। साथ ही इसे ठीक करने के लिए 5 करोड़ से ज्यादा रूपये खर्च किये गए, लेकिन अभी भी टनल से पानी का रिसाव रुकने का नाम नहीं से रहा है। उधर, तलाडा पंचायत के उप प्रधान बालकृष्ण शर्मा ने सीधे तौर पर एनएचपीसी प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है।
बालकृष्ण शर्मा ने कहा कि पार्वती प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य के दौरान निर्माता कंपनी ने टनल निर्माण में भारी लापरवाही बरती है। साथ ही एनएचपीसी प्रबंधन ने निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा है। उन्होंने कहा कि हेडरेस टनल के अलावा अन्य निर्माण कार्यों में भी घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। इस कारण घाटी के तीन गांव दहशत के माहौल में रहने को मजबूर हैं।
वहीं, टनल में हो रही भारी लीकेज के चलते लारजी, तलाडा और कनौन पंचायत के ग्रामीण भड़क उठे हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। स्थानीय लोगों ने बताया कि टनल में हो रही लीकेज के कारण वो डर के साए में जीने को मजबूर हैं और एनएचपीसी प्रबंधन इस मामले को हल्के में ले रही है।
ग्रामीणों ने कहा कि इस संबंध में एनएचपीसी प्रबंधन से कई बार मिल चुके हैं लेकिन परियोजना प्रबंधन उनकी समस्या को अनसुना कर रही है। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि उक्त समस्या के बारे में एनएचपीसी प्रबंधन को उचित दिशा निर्देश जारी करें।