हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के महासचिव महेश्वर चौहान ने कहा कि प्रदेश में क्या राजनीतिक नेतृत्व ख़त्म हो चुका है की सरकार के हर फ़ैसले में अफ़सरशाही की धमक नज़र आ रही है । प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्री नहीं बल्कि सरकार के आला अधिकारी केंद्रीय मंत्रियों से बैठकें कर राज्य के लिए नीति निर्धारण कर रहे हैं । उन्होंने आरोप लगाया की प्रदेश के आला अधिकारी अतित्साह में इतने आगे बड़ गये हैं की प्रधानमंत्री से भी स्वयं बैठक कर ग्लोबल इंवेस्टर्मीट का स्वरूप बदलने तक की बातें तय कर ली गयी और इस पूरी प्रक्रिया में पूरा प्रादेशिक नेतृत्व नदारद नज़र आ रहा है।
वहीं, दूसरी तरफ़ एक बार दुबारा बीजेपी ने हिमाचल की जनता के साथ धोखा किया है। सरकार ने उपचुनाव समाप्त होते ही अपना असली चेहरा दिखाना शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार ने चुनावों के तुरन्त बाद पेट्रोल व डीज़ल पर वैट बढ़ा कर इनकी क़ीमतें बड़ा कर दिवाली का तोहफ़ा हिमाचल की जनता को दिया है । मुख्यमंत्री और मंत्री जश्न मनाने में मसरूफ हैं और राज्य का पूरा संचालन अफ़सरशाही के कंधो पर है। उन्होंने कहा कि अब हिमाचल में फ़ैसले राजनीतिक इच्छा शक्ति, विकास के दृष्टिकोण से नहीं अपितु अफ़सरशाही के प्रभाव से हो रहे हैं ।