धर्मशाला में जयराम सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट इन्वेस्टर मीट 7 और 8 नवंबर को आयोजित होने जा रहा है । इन्वेसटर मीट का मुख्य उद्देशय हिमाचल में निवेश को बढ़ावा देना है। धर्मशाला में होने वाली इस इन्वेस्टर मीट में देश विदशों की नामी कंपनियां शामिल हो रही हैं। पीएम मोदी और अमित शाह भी इन्वेस्टर मीट में शामिल होंगे । प्रदेश सरकार इस इन्वेस्टर मीट को सफल बनाने और बड़ी-बड़ी कंपनियों को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती और इसके लिए महीनों पहले से तैयारियां भी चल रही हैं।
सड़कों को चकाचक किया जा रहा है दिवारों पर रंग किया जा रहा है ताकि बाहर से आने वाले मेहमानों को फील गुड हो । लेकिन इन सबके बीच सरकार का सड़कों पर आवार घूम रहे गौवंश पर का कोई ध्यान नहीं है। धर्मशाला को जोड़ने वाली हर सड़क पर सुबह हो या शाम या रात आपको सड़कों पर आवारा घूम रहे गौवंश नज़र आ जाएंगे । सबसे बडी बात है कि इसके लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में ये सवाल लाज़मी है कि इन्वेस्टर मीट में आने वालों मेहमानों को जब सड़क पर आवारा गौ वंश दिखेंगे या जब उनकी गाड़ी के आगे गौवंश आ जाएंगे तो इसका कितना बुरा प्रभाव सरकार और हिमाचल की छवि पर पड़ेगा।
गौरतलब है कि प्रदेश की सड़कों पर आवारा घूम रहे गौवंश की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा। दिन हो या रात यह आवार पशु सड़कों पर झुंड बनाकर घूमते हैं। सड़कों पर आवारा घूमते ये पशु हादसों को न्यौता देते हैं। कई लोग इन आवारा पशुओं के चलते अपनी जान से हाथ धो चुके हैं। शहर में दिन प्रति दिन बढ़ रही बेसहारा पशुओं की संख्या भी चिंता का विषय है। इसके साथ ही सबसे गंभीर विषय हिमाचल की छवि को लेकर है । जिस हिमाचल को देव भूमि कहा जाता है । उस देव भूमि में गौवंश सड़क पर विचरण करते हैं । लेकिन न ही सरकार का और न ही प्रशासन का इस और कोई ध्यान है।