प्रशासनिक ट्रिब्यूनल बंद करने के सरकार के फैसले को चुनौती देने से जुड़ी याचिका पर हाई कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश एल। नारायण स्वामी और न्यायाधीश डीसी चौधरी की डबल बेंच ने जारी नोटिस में राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश हैं।
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के एक गुट के अध्यक्ष एसएस जोगटा ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने सरकार के फैसले का विरोध जताया है। मौजूदा सरकार पूर्व धूमल सरकार की तर्ज पर प्रशासनिक ट्रिब्यूनल बंद करने का निर्णय ले चुकी है। यह फैसला जुलाई महीने में हुआ और 26 जुलाई से लागू किया गया। उस दौरान ट्रिब्यूनल में करीब 21 हजार केस विचाराधीन और लंबित थे।
राज्य सरकार ने इन्हें सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए मानसून सत्र में विधेयक प्रस्तुत किया था। विपक्ष के विरोध के बीच इसे सदन में पारित किया गया। विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ने विधानसभा में कहा था कि हरियाणा में भाजपा की सरकार है और वहां ट्रिब्यूनल कोर्ट को हाल ही में खोला गया है।
ऐसे में हिमाचल में बंद करने की बजाय इसे और मजबूत किया जाए। सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। सत्ता पक्ष का दावा था कि छोटे प्रदेश की अर्थव्यवस्था इसकी अनुमति नहीं देती है। इस संबंध में 29 दिसंबर 2014 की केंद्र सरकार की अधिसूचना रद्द हो गई थी।