कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान को बड़ी शिकस्त मिली है। इंटरनेशनल जस्टिस कोर्ट (ICJ) के प्रेसिडेंट जज ने कहा है कि इस मामले में पाकिस्तान ने वियना संधि के नियमों की अनदेखी की है। आईसीजे ने कहा कि इस गिरफ्तारी की सूचना भारतीय दूतावास को भी नहीं दी गई थी। यहां तक कि भारत के कई बार अपील के बाद भी कुलभूषण जाधव को काउंसुलर एक्सेस नहीं दिया गया।
ICJ के प्रेसिडेंट जज अब्दुलकावी यूसुफ ने संयुक्त राष्ट्र में बयान देते हुए कहा कि पाकिस्तान ने वियना संधि के आर्टिकल 36 का उल्लंघन किया है। गौरतलब है कि भारत हमेशा से कुलभूषण जाधव को कांसुलर एक्सेस देने की मांग करता रहा है, जिसे पाकिस्तान ने हर बार खारिज किया है।
भारत ने भी लगाया था यही आरोप
भारत लगातार यह भी कहता रहा है कि पाकिस्तान वियना संधि का उल्लंघन कर रहा है। इससे पहले जब इस मामले की सुनवाई के दौरान पाकिस्तान की ओर से जाधव की दी गई फांसी की सजा को समीक्षा करने की बात कही थी।
बुधवार को 193 सदस्यीय महासभा को आईसीजे की रिपोर्ट पेश करते हुए अब्दुलकावी यूसुफ ने जाधव के मामले में अदालत के फैसले के कई पहलुओं पर विस्तार से बताया। इससे पहले अब्दुलकावी यूसुफ ने मंगलवार को कहा कि वह ‘खुश’ हैं कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में आए फैसले से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम हुआ।
अब्दुलकावी यूसुफ ने क्या कहा था?
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोप में भारत के सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी को 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। यूसुफ की अध्यक्षता वाली पीठ ने जाधव की दोषसिद्धि और सजा की ‘‘प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार’’ करने का आदेश दिया था।
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास एशियाई देशों के कई मामले हैं। मिसाल के तौर पर अदालत ने जुलाई में भारत एवं पाकिस्तान के बीच एक विवाद को लेकर एक निर्णय सुनाया, जो एक बेहद नाजुक और संवेदनशील मुद्दा था। यह एक व्यक्ति के जीवन से जुड़ा मामला था, जिसे पाकिस्तान में मृत्युदंड दिया गया था। इसे लेकर दोनों देशों में काफी तनाव पैदा हो गया था। और हम इस बात को लेकर खुश हैं कि अदालत के फैसले ने उसके बाद से तनाव को घटाने ओर कम करने में योगदान दिया।’