वैसे तो भंडारे या लंगर हर जगह सज्जन लोग लगाते है। लेकिन यदि भंडारा ज़रूरत वाली जगह लगाया जाए तो फ़िर क्या कहने। ये पूण्य ही नही एक परमार्थ का कार्य है। जो शिमला में गुरमीत सिंह कर रहे है। गुरमीत सिंह दीनदयाल अस्पताल में रोज दोपहर को लंगर लगाते है जिसमें दूर दराज से आए लोग सैंकड़ो की संख्या में खाना खाते है।
गुरमीत सिंह का कहना है कि लंगर शुरू करते वक़्त कई समस्याओं ने घेरा, एक वक्त तो ऐसा भी आया कि लंगर चंडीगढ़ से बनवा के लाना पड़ा लेकिन अब अस्पताल प्रशासन के सहयोग से हर दिन लंगर लग रहा है। जल्द ही इस तरह का लंगर आईजीएमसी अस्पताल में भी लगाया जाएगा। ताकि तमीरदारो को इसका फायदा मिल सके।