हिमाचल प्रदेश की सरकार 7 और 8 नवंबर को कांगड़ा के धर्मशाला में इन्वेस्टर मीट करने जा रही है। इस इन्वेस्टर मीट के लिए तैयारियां जोरों पर हैं और इसी बीच हर एक चीज़ चकाचक की जा रही है। इन्वेस्टर मीट तो धर्मशाला में होनी है लेकिन प्रशासन ने इसके लिए तमाम आस-पास के इलाके भी चमका दिए हैं। कांगड़ा की बात करें तो यहां जो सड़कें मांगें करने के बाद भी रिपेयर नहीं की जा रही थी उन्हें रातों-रात चमका दिया गया है।
लिहाजा, जिला प्रशासन के इस फैसले से कई दिक्कतें भी सामने आई हैं। यात्रियों को रोड का काम के चलते भारी परेशानी हो रही है। हर रोज बस को नया रोडमैप तैयार किया जा रहा है और उस हिसाब से बसिस चलाई जा रही है। ऐसे में जॉब सीकर्स और कॉलेज स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को ख़ासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। समाचार फ़र्स्ट ने कई दफा इस ख़बर को प्रकाशित भी किया, लेकिन बिना जनता की परवाह किए और बेझिझक काम जारी है और जनता परेशानी झेल रही है।
हालांकि, ये काम कांगड़ा में विकास की राह बुनता है लेकिन ऐसे विकास का फ़ायदा जिससे लोग परेशानी हों। रुक-रुक कर या सिस्टेमेटिक तरीके से भी काम किया जा सकता था लेकिन जिला प्रशासन ने बेपरवाह अपना काम जारी रखा। आख़िर जारी रहे भी क्यों न… जब इन्वेस्टर मीट में हमारे देश के साथ-साथ विदेश की बड़ी हस्तियां आ रही हैं तो काम तो होगा की। सरकार ने साफ़ लिहाज में आदेश दे रखे होंगे कि काम चाहिए…. तो फ़िर हो क्यों न???
सरकार या बीजेपी के बड़े नेता इन्वेस्टर मीट पर जय-जय करते नहीं थक रहे… और जनता की परेशानी पर कोई जवाब नहीं दिया जा रहा। जिला प्रशासन से काफी समय से बात करने की कोश़िश जारी है लेकिन उनका जवाब दिये नहीं बनता। सड़कों पर लग रहे जाम को पुलिस वाले भी मुंह ताक कर देख रहे हैं लेकिन कोई उसे ख़ुलवाने की मशक्कत नहीं करता नज़र आ रहा। इतना ख़र्च सड़कों को रिपेयर करने पर किया जा रहा है और ऊपर से सड़क सही से भी नहीं डाली जा रही। रविवार को तो बरसात के मौसम में भी टारिंग का काम जारी था।
अब तो कांगड़ा श़हर के लोग भी ये कहने लगे हैं कि हर तीसरे महीने में ऐसी ही मीट होती रहे ताकि सड़कें तो कम से कम चकाचक रहे। सड़कें रिपेयर होना तो अपनी जगह है लेकिन ख़ासतौर पर छात्रों और दिहाड़ीदार लोगों को इसमें ख़ासी परेशानी आ रही है।