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‘उद्योगों के लिए सक्षम है हिमाचल, सरकार का काम है सराहनीय’

मनोज धीमान |

इन्वेस्टर मीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार प्रदेश सरकार को बधाई दी। साथ ही उन्होंने इन्वेस्टर्स को भी यहां इन्वेसट करने पर भरोसा दिलाया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि अब हिमाचल ने विकास की राह चुनने की ठान ली है। यहां का स्टेटमेंट है कि अब हम कमर कस चुके हैं। हिमाचल कह रहा है कि हां हम पहुंच चुके हैं राज्य को तरक्की की राह पर ले जाने के लिए।

मोदी ने कहा कि हिमाचल के कण-कण में शक्ति का वास है। यहां हमें एक नई ऊर्जा मिलती है। यहां के हर इंसान को यहां कि संस्कृति और परंपरा ने विद्यता और आशीर्वाद दिया है। ऐसे वातावरण में सभी का स्वागत करते हुए काफी आनंद आ रहा है। पहले कई राज्यों में मीट हुआ करती थी लेकिन अब स्थिति बदल गई है। क्योंकि अब राज्यों में बिजनेस को आकर्षित करने के लिए स्पर्धा शुरू  हुई है ताकि वे अपने राज्य को अव्वल बना सकें। इसका एक प्रमुख कारण फ्री हैंड भी है क्योंकि उद्योग के लिए बेवजह की रोक टोक से मुक्ति मिलनी चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज कानून में बदलाव हो रहा है। हमारे उद्योग आगे बढ़ेंगे और क्षमता भी बढ़ेगी। इसका लाभ राज्य और राज्य को लोगों को होगा। सरकारों का दखल उद्योगों की रफ्तार को रोकता है। हिमाचल की सरकार अद्धभुत फैसले ले रही है। सही दिशा में काम हो रहा है। यहां की सरकार ने आज इन्वायरमेंट और फ्रेंडली बनाया है।

बैंक्स का किया सुधार

मोदी ने कहा कि नई सोच, नई अप्रोच के सात चल रही है विकास की गाड़ी। एक व्हील सोसाइटी का, दूसरा सरकार का, तीसरा इंडस्ट्री का और चौथा व्हील बयान शेयरिंग का है। आज सरकारें जो भी फैसले ले रही है वे अकांक्षाओं के अनुसार ले रही है। गरीबों को मदद मिल रही है। 2014-2019 तक भारत ने बिजनेस रैंकिग सुधारी है। हमने 50 से ज्यादा बैंक का सुधार किया। बैंकिग सुधरने का मतलब है हमारी सरकार जमीन पर काम कर रही है औऱ नीतियां बना रही है।

उन्होंने कहा कि पहले एक परमीशन के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था… हमनें अपनी प्रतिबद्धता लगातार बनाई रखी है। हमारे नीयत नेक है और हमारे इरादों में मजबूती है। कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि जीएसटी लागू होगा… लेकिन हमने कर दिया। दिवालिया होने लगा था लेकिन हमने बचाया। बैंकिंग रिफॉर्म भी रुका था। मध्यम वर्ग के लिए फैसले लिया.. उनके सपने को पूरा करने में अब मदद मिलेगी। अपना घर बनाने के लिए जिन्होंने कर्ज लिया… ऐसे साढ़े चार लाख परिवारों को निजात मिलेगी।