लेबर हॉस्टलों का किराये को 283 से बढ़ाकर 7 हजार 80 सालाना करने पर शिमला में मजदूर भड़क उठे हैं। मामले को लेकर सीटू ने किराया वृद्धि के खिलाफ नगर निगम के आयुक्त से मिला औऱ किराया बढ़ोतरी को वापिस लेने की मांग की। आयुक्त ने आश्वासन दिया कि बढ़ा हुआ किराया अभी नहीं वसूला जाएगा। सीटू का कहना है कि काफी समय से उन्हें एकमात्र फ्री रहने की सुविधा थी लेकिन अब उनके साथ जबरदस्ती हो रही है।
लेबर हॉस्टलों में रहने वाले मजदूरों पर किराए का भारी बोझ लादकर उन्हें लेबर हॉस्टलों से बाहर खदेड़ने की कोशिश की जा रही है। यह अमान्य,नाज़ायज़ और गैर कानूनी है। यह वृद्धि पच्चीस गुणा है। यह लगभग दो हज़ार पांच सौ प्रतिशत की वृद्धि है। इसके साथ ही लगातार भारी किराया वृद्धि के मसले पर लगातार नोटिसों के माध्यम से मजदूरों को लेबर हॉस्टलों से बाहर करने की धमकियां दी जा रही हैं। उनसे बदसलूकी और धक्कामुक्की करके भारी किराया वृद्धि को लादने की कोशिश की जा रही है। नगर निगम की कार्रवाई से मजदूर बेहद परेशान हैं।
यूनियन ने चेताया है कि अगर नगर निगम शिमला ने लेबर हॉस्टलों से गरीब मजदूरों की निकालने व बढ़े हुए भारी किराए को जबरन लेने की कोशिश की तो मजदूर सड़कों पर उतरकर इसका कड़ा विरोध करेंगे।