इंवेस्टर मीट के दूसरे दिन धर्मशाला पहुंचे रेलमंत्री पीयूष गोयल ने यहां हो रहे इस कार्यक्रम की सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुझे यहां आकर बहुत अच्छा लगा। हम चाहते हैं कि हिमाचल में एक हाई लेवल ट्रांसपोर्ट बने जिसमें केन्द्र सरकार से उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) पहल करेगा। हम केंद्र से एग्रीकल्चर, फूड, रेलवे और टूरिजम इन चारों के अधिकारियों को जोड़ेगें। साथ में केन्द्र से जुड़े अधिकारियों को जोड़कर एक हाई लेवल का प्रोजेक्ट बनाएगें। हम केन्द्र और राज्य को जोड़कर हिमाचल के विकास को तेज करने पर काम करेंगे। हिमाचल में रेलवे को डबल इंजन के साथ जोड़ेगें। आगे होने वाली इंवेस्टर मीट के लिए भी कैसे अधिक निवेशकों को जोड़ें, इस पर भी काम करेंगे। इस प्रकार हम लक्ष्य को भी हासिल करने में सफल होंगे।
गगल एयरपोर्ट पर उतरने के बाद धर्मशाला के इतने सुंदर दृश्य को देखकर वह अत्याधिक प्रसन्न हुए। उन्होंने कहा कि रास्ते भी एकदम चकाचक हैं, मुझे रास्ते में एक भी झटका नहीं लगा। जैसे ही पीयूष गोयल धर्मशाला पहंचे तो उन्होंने यहां की सुंदरता की प्रशंसा की और पहाड़ों पर ताजा हुए हिमपात का लुप्त उठाया। यहां के मौसम को देखकर उन्हें अंग्रेजी की एक कहावत याद आई… "कठिन जहां राह हो, वहां सफर भी मुश्किल हो जाता है।" हिमाचल सही मायने में ऐसा ही एक उदाहरण है। फिर चाहें रोहतांग वादियों की खूबसूरती हो, शिमला या धर्मशाला का मौसम। पहाड़ियों में काम करने का अपना ही स्वार्थ और संघर्ष भी रहता है। इन सबके बावजूद आज देश में कोई सबसे तेज गति से प्रगति करने वाला प्रदेश है तो वह है हिमाचल।