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देवदूत बनकर सामने आए वृद्धा के लिए HRTC के ड्राइवर-कंडक्टर

नवनीत बत्ता |

सरकाघाट उपमंडल के गोपालपुर विकासखंड के समाहल गांव में मानवता को शर्मसार कर देने वाले वृद्ध महिला क्रूरता मामले में एचआरटीसी के ड्राइवर और कंडक्टर भीड़ के आगे असहाय 80 साल की राजदेई के लिए देवदूत बनकर सामने आ गये थे। जैसे-जैसे बुज़ुर्ग अम्मा सदमें से उभर रही है, वह अपने साथ 6 नबंवर को हुई घटना के हर पल को एक-एक कर सुनाना रही हैं। मंगलवार को जब बुज़ुर्ग राजदेई से पूछा गया कि अम्मा क्रुद्ध भीड़ से आख़िर कैसे जान बची तो उन्होंने अपनी हल्की ज़ुबान से परिवहन निगम के ड्राइवर कंडक्टर की हिम्मत की दाद देते इस वृतांत को कुछ यूं सुनाया।

उन्होंने कहा कि "जब भीड़ मुझे जान से मारने पर पूरी तरह से उग्र थी और मुझे लग रहा था कि ये लोग अब मुझे किसी भी सूरत में मुझे नहीं छोड़ेंगे तो दोपहर को वहां परिवहन निगम की एक बस चंदैश से मंडप रूट पर आ पहुंची। भीड़ की प्रताड़ना और अमानवीय  व्यवहार को देख मैंने सोचा कि इस भीड़ के हाथों मरने से अच्छा है कि बस के टायर के नीचे आकर जान दे दूं। मैं बस के आगे लेट गयी।

ड्राइवर ने झटके से ब्रेक लगाई और कंडक्टर ने बस के आगे से मुझे उठा लिया। इतने में मेरी मदद को बस में बैठी सवारियां भी उतर आई। मैंने ज़ोर से एक ही बात बोली या तो मुझे मार दो या फिर इस भीड़ से छुड़ाकर कहीं दूर ले चलो। सारा माजरा समझकर ड्राइवर कंडक्टर ने मुझे बस में बैठाया। इस बीच कुछ लोग मुझे बस से उतारने को बस में भी चढ़े लेकिन यात्रियों के विरोध के चलते उनको बस से उतार दिया गया। कण्डक्टर को मैंने सारी बात बताई और कहा कि मेरे पास टिकट लेने को भी पैसे नहीं है। कंडक्टर ने टिकट तो काटा लेकिन मुझसे पैसे की मांग नहीं की।

एचआरटीसी की बस मुझे सरकाघाट के पास बरछबाड़ तक ले आई जहां मेरी बड़ी बेटी का घर है। यहां पहुंच मैंने अपने चेहरे पर पुति कालिख को साफ़ किया।  एक पड़ोसन को बुलाकर मैंने कहा कि मुझे गर्म दूध और शिलाजीत मिलाकर दे दो, मेरे शरीर में बहुत दर्द हो रहा है। पड़ोसन ने पूछा क्या हुआ  तो मैंने उसे झूठ ही बोल दिया कि आज मैंने खेतों में बहुत काम किया शरीर टूट रहा है। मैं गर्म दूध पीकर बेटी के घर के लैंटर पर धूप में सो गयी…..।"

आख़िर देवआस्था के नाम पर हुए इस हृदयविदारक घटना में भीड़ के आगे एच॰आर॰टी॰सी॰ के ड्राइवर कंडक्टर की दिलेरी भी कम सराहनीय नहीं है।
 
यह है मामला
 
सरकाघाट की गाहर पंचायत में ग्रामीणों ने एक बुजुर्ग महिला पर जादूटोना करने और डायन होने का आरोप लगाते हुए उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया। महिला के बाल काटे, उसके चेहरे पर कालिख पोती और गले में जूतों की माला पहनाकर देवता के रथ के आगे घसीटा गया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझा।  इसी बीच सीएम जयराम ने भी मामले की जांच के आदेश दिए।

हाईकोर्ट ने सरकार से एक सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया

सरकाघाट की गाहर पंचायत में वृद्ध महिला से क्रूरता का मामला हिमाचल हाईकोर्ट पहुंच गया है। प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी और न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने भी अमर उजाला सहित अन्य समाचार पत्रों में छपी खबरों पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से एक सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है।

वृद्ध महिला से क्रूरता में सभी 24 आरोपियों की जमानत याचिका रद्द, न्यायिक हिरासत में भेजे

हिमाचल के सरकाघाट की गाहर पंचायत में वृद्ध महिला से क्रूरता मामले में पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी 24 आरोपियों की जमानत की याचिका रद्द कर उन्हें 14 दिन न्यायिक हिरासत में मंडी स्थित जेल में भेज दिया है। बता दें नौ नवंबर को सरकाघाट की गाहर पंचायत में ग्रामीणों ने एक बुजुर्ग महिला पर जादूटोना करने और डायन होने का आरोप लगाते हुए उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया।

माहूंनाग देवता कमेटी के खिलाफ एक और मामला दर्ज

उधर, सोमवार को गांव के रिटायर्ड शिक्षक जय गोपाल ने पुलिस थाने में माहूंनाग देवता कमेटी के खिलाफ शिकायत दी है कि उनके घर भी 7 नवम्बर को आस्था के नाम पर लोगों ने तोडफ़ोड़ की थी। इस संबंध में भी पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। डीएसपी चंद्रपाल सिंह ने इसकी पुष्टि की है।