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मंडी: दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश, IIT कैंपस में चल रहे प्राईवेट स्कूल होंगे बंद

सचिन शर्मा |

आईआईटी के कैंपस में चल रहे प्राईवेट स्कूलों को अब बंद करने का आदेश जारी हो गया है। आईआईटी मंडी के पूर्व कर्मचारी सुजीत स्वामी और आईआईटी गुवाहटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. बृजेश रॉय की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है। बता दें कि इन दोनों ने देश के नौ आईआईटी संस्थानों में चल रहे प्राईवेट स्कूलों को लेकर 30 अक्तूबर 2019 को दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। इसमें आईआईटी मंडी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी पार्टी बनाया गया था। क्योंकि आईआईटी मंडी के कैंपस में भी ’’माईंड ट्री’’ के नाम से एक प्राईवेट स्कूल का संचालन हो रहा है। 13 नवंबर को इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश जस्टिस सी. हरिशंकर ने यह फैसला सुनाया।

हाईकोर्ट ने 28 जुलाई 2016 को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी किए गए उस सर्कुलर को आधार मानते हुए यह फैसला सुनाया जिसके तहत आईआईटी संस्थानों में सिर्फ केंद्रीय विद्यालयों का ही संचालन हो सकता है। पहली ही सुनवाई में मुख्य न्यायधीश ने मंत्रालय को अपने इस सर्कुलर का सही ढंग से पालन करवाने को कहा है। जनहित याचिका दायर करने वाले सुजीत स्वामी ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस फैसले से देश के उन आईआईटी संस्थानों को सबक मिलेगा जो सरकार के आदेशों की अवमानना करते हुए अपने स्तर पर नए-नए निर्णय ले रहे हैं।

सुजीत स्वामी ने बताया कि आईआईटी मंडी की मनमानियों से संबंधित एक जनहित याचिका हिमाचल हाईकोर्ट में भी दायर की गई है और उसमें भी स्कूल के संचालन का जिक्र किया गया है। हिमाचल हाईकोर्ट ने आईआईटी मंडी से इस संदर्भ में जबाव मांगा था और यह जबाव आईआईटी की तरफ से दे दिया गया है। अब जल्द ही इस पूरे मामले पर हिमाचल हाईकोर्ट भी अपना फैसला सुनाने जा रहा है।

वहीं, सुजीत स्वामी ने बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट में जो जनहित याचिका दायर की गई थी उसे अधिवक्ता डा. दिनेश रत्न भारद्वाज ने निशुल्क दायर किया और कोर्ट में इनका पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि डा. दिनेश रत्न भारद्वाज रजिस्टर सॉलिसिटर के पद पर तैनात हैं। सुजीत स्वामी ने इसके लिए डा. भारद्वाज का भी आभार जताया है।