प्रदेश सरकार बेशक विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही है लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही बयां करती है। प्रदेश के पहाड़ी इलाके तो दूर की बात है लेकिन निचले इलाकों में भी कई ऐसे गांव हैं जो अभी सड़क मार्ग से कोसों दूर है। और यही कारण है कि इन गांवों में लोक अपनी बेटियों की शादी करवाने से भी कतराते हैं। जबकि इन गांवों की लड़कियों की शादी भी मुश्किल से हो पाती है। इतना ही नहीं यदि गांव में कोई बीमार हो जाता है तो उसे अस्पताल तक पहुंचाने में कढ़ी मुश्कत करनी पड़ती है।
ऐसा ही एक गांव कांगड़ा जिला के देहरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। जहां पर बड्डल से टोटा मार्ग की सड़क बनाने के लिए बेशक सरकार ने 2017 में ही 2000000 रुपये का प्रावधान करवा दिया था। लेकिन आज तक इस सड़क मार्ग को शुरू नहीं करवाया जा सका है। यही कारण है कि लोगों को यहां पर खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें सबसे अधिक परेशानी तब होती है जब कोई महिला, बुजुर्ग या गर्भवती को आपातकालीन स्थिति में अस्पताल पहुंचाना पड़ता है। विशेष रूप से बरसातों के दिनों में जब यह मार्ग मार्ग न रहकर एक नाले का रूप ले लेता है।
लोगों का कहना है कि उन्होंने इस विषय में पीडब्ल्यूडी विभाग के साथ बार-बार शिकायत भी की है। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही विभाग ने इस मामले को लेकर नहीं की है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्दी ही इस मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो मुख्यमंत्री कार्यालय में इस सारे विषय को लेकर जाएंगे। वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अजय शर्मा कहते हैं कि उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया है और एक बार उन्होंने टेंडर करवा दिया था। लेकिन ठेकेदार ने काम शुरू नहीं किया। उन्होंने कहा कि अब हम जल्दी ही इस काम को फिर से रिटेन ड्रिंक करने जा रहे हैं ताकि इस सड़क का निर्माण जल्दी से जल्दी हो सके।