मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज हमीरपुर ज़िला के नेरी में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया। पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में ऋषि परंपरा विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी हमीरपुर ज़िला के नेरी स्थित ठाकुर जगदेव चंद स्मृति संस्थान में आयोजित की जा रही है। यह कार्यक्रम ठाकुर जगदेव चंद स्मृति संस्थान नेरी और हिमाचल कला, भाषा एवं संस्कृति अकादमी शिमला के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने संस्थान की वेबसाईट, पुस्तक एवं स्मारिका का विमोचन किया। आयोजन समिति के संयोजक डॉक्टर ओमदत्त सरोच ने बताया कि संगोष्ठी में 100 से अधिक विद्वान और शोधार्थी अपना शोधपत्र प्रस्तुत करने के लिए देश के विभिन्न भागों से नेरी में एकत्रित हुए हैं। कार्यक्रम में बताया गया कि वर्तमान समय में समाज के समक्ष पेश आ रही समस्याओं का निराकरण ऋषि परंपरा के माध्यम से ही संभव है। ऋषि परंपरा अत्यंत संयमित थी।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी हिमालय क्षेत्र ऋषि मुनियों की तपोस्थली एवं कर्मस्थली रही है। विद्वानों ने बताया कि ऋषि मनु की नगरी मनाली, ऋषि जमदग़्नी की तपोस्थली मलाणा, दुर्वाशा ऋषि से सम्बंधित जुखाला, धौम्य ऋषि की भूमि ध्यूंसर मंदिर, ऋषि शुकदेव की तपोस्थली सुक़ेत और ऋषि व्यास की तपोस्थली बिलासपुर हमारी ऋषि परंपरा की गवाह है।