जिला कांगड़ा की तहसील जवाली के गांव कुठेहड़ में विवाहिता उषा देवी (32) के शव को गुस्साए परिजनों ने आज घर के साथ पास में ही जला दिया जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। मायके वालों का आरोप है कि उन्हें कुठेहड़ पंचायत का कोई सहयोग नहीं मिला और न ही कोई पंचायत का सदस्य हमारे पास आया। मृतका के परिजनों का कहना है कि जब वो शव को लेकर कुठेहड़ पहुंचे तो उनका किसी ने कोई सहयोग नहीं किया इसलिए मायके की तरफ़ से आई भीड़ ने करीबन 8 बजे घर के किनारे ही सीढ़ियों के पास शव को जला दिया। इस मामले को देखते पुलिस करीबन 9 बजे तक पुलिस मौके पर आई पर तब तक मायके वालों ने शव को आग के हवाले कर दिया था। इसके साथ ही मायके वालों ने कुठेहड़ पंचायत मुर्दाबाद के नारे लगाए। फिलहाल धीरे-धीरे सब शांत हुआ और पुलिस ने मामला दर्ज़ किया।
इस सारे प्रकरण में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। जब मृतका का शव कुठेहड़ में पहुंच गया था तो फिर पुलिस ने कोई प्रबन्ध क्यों नहीं किया। जब पुलिस पहुंची तब तक लाश जलकर राख हो चुकी थी। ऐसे में अगर ससुराल की तरफ से कोई मौका पर आता और बड़ा हादसा हो जाता तो उसके लिए जिम्मेवार कौन था। आखिरकार पुलिस की लापरवाही ही इस मामले में देखने को मिली है। अब पुलिस इसमें कोई बयान देने से अपना पल्लू झाड़ रही है। गौर रहे कि उषा देवी (32) के मर्डर में पुलिस ने उसके पति अर्जुन सिंह, ससुर सूरत सिंह और सास विष्णु देवी को धारा 302, 34 आईपीसी के तहत गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया था। जिन्हें आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।