हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय परिसर को दिव्यांगजनों के लिए बाधा रहित बनाने का रास्ता साफ हो गया है। कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार के प्रयासों से केंद्र सरकार ने सुगम्य भारत अभियान के अंतर्गत लिफ्ट रैंप एवं अन्य जरूरी प्रावधानों के लिए 4 करोड़ 97 लाख 26 हजार 628 रुपए की राशि स्वीकृत की है। इसमें से लगभग ढाई करोड़ रुपए की पहली किश्त जल्द ही जारी कर दी जाएगी। विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद (ईसी) के सदस्य एवं विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि इस आशय का पत्र विश्वविद्यालय को प्राप्त हो चुका है। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
उन्होंने बताया कि परिसर एवं छात्रावासों को बाधारहित बनाने के लिए कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने एक विस्तृत प्रस्ताव केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के पास भिजवाया था।इसके बाद दिल्ली जाकर संबंधित केंद्रीय मंत्री से यह राशि स्वीकृत करने का अनुरोध भी किया था। प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत की गई चार करोड़ 97 लाख रूपए की राशि से विश्वविद्यालय परिसर के विभिन्न भवनों में 12 लिफ्ट और 14 रैम्प बनाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा सभी शौचालयों को यूनिवर्सल डिजाइन में बदलकर बाधा रहित बनाया जाएगा।
विश्वविद्यालय के दिव्यांग विद्यार्थी पिछले काफी समय से पूरे परिसर को बाधा रहित बनाने की मांग कर रहे हैं। अब उनकी यह मांग पूरी हो जाएगी।कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में दिव्यांग विद्यार्थियों को सभी आवश्यक सुविधाएं देने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा की गत 22 जुलाई को विश्वविद्यालय में दृष्टिबाधित एवं अन्य दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए स्थापित सुगम्य लाइब्रेरी का उद्घाटन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया था। उसमें कुछ कमियां ध्यान में आई हैं जिन्हें जल्द ही दूर कर दिया जाएगा। इस लाइब्रेरी में दिव्यांगों के लिए टॉकिंग सॉफ्टवेयर की सुविधा वाले कंप्यूटर लगाए गए हैं जिनसे दृष्टिबाधित छात्र-छात्राएं आसानी से अपनी पढ़ाई कर सकते हैं।