गुड़िया न्याय मंच ने गुड़िया की हत्या और बलात्कार के मामले में सवाल उठने के बाद पुन: जांच की मांग की है। मंच ने प्रदेश सरकार को आगाह किया है कि वह गुड़िया को न्याय देने के लिए तुरन्त उचित कदम उठाए अन्यथा गुड़िया न्याय मंच दोबारा से इस मुद्दे पर सड़कों पर उतर आएगा। गुड़िया न्याय मंच के सह संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को फोरेंसिक विभाग के दो सहायक निदेशकों के बयान के बाद अब गुड़िया मामले में दूध का दूध औऱ पानी का पानी करने के लिए तथा पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठाने के लिए दोबारा से इस मामले की जांच करनी चाहिए।
गौरतलब है कि भाजपा ने चुनाव के वक्त गुड़िया मामले को प्रमुख मुद्दा बनाया था अतः अब वक्त आ गया है कि वह अपने वायदे को पूर्ण करें औऱ इस मामले की तह तक जाने के लिए न्यायिक जांच गठित करें। प्रदेश सरकार को तुरन्त इस जांच को शुरू करना चाहिए। सीबीआई अपनी जांच पूर्ण कर चुकी है। अतः प्रदेश सरकार को अलग से निष्पक्ष जांच करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
सीबीआई कोर्ट में चल रही कार्रवाई से एक के बाद एक कड़ियां खुल रही हैं। गुड़िया न्याय मंच शुरू से इस बात को कहता रहा है कि गुड़िया का बलात्कार औऱ निर्मम हत्या किसी एक दरिंदे का कार्य नहीं था बल्कि यह एक सामूहिक सुनियोजित जघन्य अपराध था। फोरेंसिक विभाग की जांच ने इस बात को पुख्ता कर दिया है कि मामले में सुनियोजित षड़यंत्र था। इसमें कई प्रभावशाली लोगों की भूमिका थी जिनका बचाव करने की कोशिश राजनेताओं औऱ पुलिस विभाग ने मिलकर की।