हिमाचल के धर्मशाला में स्थित सेंट्रल युनिवर्सिटी में आज एक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें आसाम के वरिष्ठ पत्रकार दलीप कुमार ने सेमिनार की अध्यक्षता की। उन्होंने मीडिया की स्थिति के बारे में बच्चों को अवगत करवाया। यूं तो लोकतांत्रिक देश हिंदोस्तान में मीडिया को संविधान का चौधा स्तंभ माना जाता है। लेकिन क्या कोई जानता है कि देश के पूर्वोत्तर में मीडिया की स्थिती वैसी नहीं है जैसी कि देखने को मिलती है। हाल ही में पत्रकारिता दिवस पर आए आंकड़ों पर नज़र दौड़ाई जाए तो बीते 30 साल में पूर्वोत्तर के 31 पत्रकारों का बड़ी ही बेरहमी के साथ कत्ल हो चुका है। जिसमें से आसाम के 24 ,मणिपुर के 6 और त्रिपुरा के 1 पत्रकार शामिल है।
सेंट्रल युनिवर्सिटी धर्मशाला में जन संचार विभाग की ओर से करवाए गए राष्ट्रीय सेमिनार में पहुंचे आसाम के वरिष्ठ पत्रकार दलीप कुमार ने ये खुलासा कर सबको चौंका दिया है। दलीप कुमार ने बताया कि पूर्व में नागालैंड सरकार ने एनएसीएन आंतकी संगठन को टैक्स पे किया था जिस पर बाकायदा अदालतों द्वारा संज्ञान लिया गया था और ये मामला आज भी विचाराधीन है। इसके साथ मणिपुर में कर्मचारियों के वेतन से 15 फीसदी राशि काटकर उग्रवादी संगठनों को देने की बात भी कही। दलीप कुमार ने कहा कि पूर्वोत्तर में आज भी पत्रकार और पत्रकारिता सुरक्षित नहीं है।
वरिष्ठ पत्रकार दलीप ने कहा कि जब तक इन इलाकों में हिंदी पत्रकारिता को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। तब तक स्थिति यूं ही देखने को मिलेगी। बशर्ते उन्होंने मुश्किल हालातों में भी हिंदी पत्रकारिता को ही चुना और आज भी उसके जरिये ही वहां के हालातों को देश-दुनिया में पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। आज स्थिति बहुत बदल रही है। धीरे-धीरे अराष्ट्रीयता और अलगाववादी ताकतों की कमर टूट रही है। चूंकि इन क्षेत्रों में धीरे-धीरे हिंदी फलने-फूलने लगी है। अपने क्षेत्र में मुश्किल हालातों में भी हिंदी पत्रकारिता करने और युवाओं को इसके प्रति जागरूक करने के लिए वो आज स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर भी निजी तौर पर प्रयास कर रहे हैं। यही वजह है कि आज उन्हें सेंट्रल युनिवर्सिटी ने कोर्ट मेंबर बनाया है। सेंट्रल युनिवर्सिटी में हुए राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार में युवाओं को हिंदी पत्रकारिता के लिए प्रेरित और जागरूक करने के लिए यहां बुलाया गया।