प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों में दी गई घटिया वर्दियों में मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया दी। जयराम ठाकुर ने कहा कि इसमें घोटाले की कोई बात नहीं है। कई जगहों पर वर्दियों में खामियां जरूर सामने आई हैं लेकिन ये कोई बड़ी बात नहीं। इस पर सारी रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दे दिए गए हैं और सरकार इसमें जो बन पड़ेगा वे करेगी।
याद रहे कि हिमाचल प्रदेश में दो साल देरी से मिली स्कूली स्मार्ट वर्दी के रंग उड़ने की ख़बर थी। कांगड़ा, मंडी और सोलन में पहली ही धुलाई में ही स्मार्ट वर्दी का रंग उतरने लगा था। इस बारे में अभिभावकों ने CM हेल्पलाइन (1100 नंबर) में शिकायत की गई थी जिसके बाद मुख्यमंत्री ने बयान दिया है। याद रहे कि वर्दी दो साल पहले दी जानी थी, लेकिन टेंडर प्रक्रिया में हुई देरी के चलते वर्दी वितरण समय पर नहीं हो पाया।
सरकार ने खाद्य आपूर्ति निगम के माध्यम से वर्दी का टेंडर किया था। सूबे में साढे आठ लाख बच्चों को वर्दी बांटी गई थीष साल 2018-19 के लिए 57.90 करोड़ से स्मार्ट वर्दी की खरीद की गई है। ऐसे में अब निगाह शिक्षा विभाग पर टिकी है कि जांच में क्या रिपोर्ट आती है।