लुप्त होती पहाड़ी गाय को बचाने के लिए आरोग्य भारती एवं कल्याणी पहाड़ी गौ विज्ञान केंद्र के संयुक्त रूप से किसानों को पहाड़ी गाय की विशेषताए बताने जा रहा है ताकि किसान गाय को पालने में आगे आये। शिमला के पोर्टमोर स्कुल में 3 दिसम्बर को केंद्र एक राष्ट्रीय संगोष्टी आयोजित करने जा रहा है जिसमें देश के गौ वैज्ञानिक, विशेषज्ञ देवेंदर सदाना, प्रो आरएस चौहान ,अशोक वाष्नय सहित कई वक्ताभाग लेंगे। आरोग्य भारती के राष्ट्रीय सचिव राकेश पंडित ने बताया पहाड़ी गाय का दूध बहुत पौष्टिक होता है।
पहाड़ी गाय के दूध एसिडिटी कम करने वाला, मधुमेय को रोकने वाला और दिल के रोगों में उपयोगी होता है। केंद्र का मानना है कि अगर पहाड़ी गाय की नसल को विकसित किया जाये तो वह 2 से लेकर 10 किलो तक दूध दे सकती है। जो किसानो के लिए रोजगार और व्यवसाय का भी अच्छा साधन बन सकता है।