कहते हैं हौंसलें बुलंद हो तो बड़ी से बड़ी बाधा उसका मार्ग नहीं रोक सकती। यह बात मंडी जिला की डॉ. रीनू शर्मा ने कर दिखाई है। जिन्हें एचपीयू के 25वें दिक्षांत समारोह में मानव संसाधन विकास मंत्री द्वारा संस्कृत भाषा में पीएचडी की डीग्री प्रदान की गई। रेनू शर्मा की माने तो उनका बचपन से ही संस्कृत भाषा में शोध करने का सपना था जो आज मायका और ससुराल पक्ष के सहयोग से पूरा हो गया है।
रेनू शर्मा का जन्म कांगड़ा जिले में एक साधारण परिवार में हुआ। वे पाचं भाई-बहन हैं और वो अपने भाई-बहनों में सबसे छोटी है। रेनू शर्मा ने कहा की वह पहले से ही पढ़ाई में रूचि रखती थी। शादी के बाद ससुराल पक्ष ने भी उसका पूरा सहयोग किया जिसकी वजह से आज वो इस मुकाम में पहुंची है। इसके लिए उन्होनें अपने परिजनों का आभार जताया।