हैदराबाद गैंगरेप और मर्डर मामले में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। 27 नवंबर को हुई इस घटना का मुख्य आरोपी पिछले दो साल से बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ट्रक चला रहा था और वारदात के महज 48 घंटे पहले पुलिस की गिरफ्त में आया भी था लेकिन चकमा देकर बच निकला। मुख्य आरोपी मोहम्मद अली उर्फ आरिफ को महबूबनगर के विजिलेंस और ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने 25 नवंबर को रोका था लेकिन न केवल वह पुलिस गिरफ्त से भाग निकला बल्कि पुलिस को अपना ट्रक भी जब्त नहीं करने दिया। पुलिस के अनुसार जब पुलिस अधिकारी ट्रक को सीज कर रहे थे अली ने जानबूझकर उसे खराब कर दिया ताकि उसे कहीं ले न जाया जा सके। बाद में जब पुलिसवाले वहां से चले गए तो वह अपना ट्रक लेकर भाग गया।
इस घटना की जांच पड़ताल के दौरान इन बातों का खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार 24 नवंबर को अली और ट्रक क्लीनर जोल्लू शिवा ने कर्नाटक से ईंटें लोड की थीं। उन्हें हैदराबाद में ईंटें लानी थीं। रिमांड रिपोर्ट के अनुसार, अली ने बाकी के दो आरोपियों जोल्लू नवीन और चिंताकुंटा चेन्नाकेशवुलू को फोन करके कहा कि वे उसे तेलंगाना के गांव गुडीगांदला में मिलें। उनकी योजना यहां से स्टील के चैनलों को अवैध तरीके से लोड करके हैदराबाद ले जाने की थी। चिंतााकुंटा स्टील के चैनल लोड कराने के बाद अपने गांव वापस लौट आया, जबकि बाकी तीनों यहां से हैदराबाद की ओर चल दिए। जब ये लोग महबूबनगर से गुजर रहे थे उस समय क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी, विजिलेंस और एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट की एक जॉइंट टीम ने इनके ट्रक को रोका था।
26 नवंबर को रात लगभग 9 बजे चारों शम्शाबाद पहुंचे और सड़क के किनारे ट्रक खड़ा करके उसके अंदर सो गए। अगले दिन 27 नवंबर की सुबह पुलिस ने 9 बज पुलिस की एक टीम वहां आई और आरोपियों से ट्रक हटाने को कहा। लेकिन शम्शाबाद छोड़ने की जगह आरोपी थोंडुपल्ली ओआरआर टोल प्लाजा के पास ट्रक खड़ा करके रुक गए। जिस समय महिला पशु चिकित्सक ने अपनी स्कूटी उनके ट्रक के पास खड़ी की उस समय वे शराब पी रहे थे। पुलिस के अनुसार इसी समय इन तीनों ने उसे अपना शिकार बनाने की योजना बना ली।