मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि बीड़ बिलिंग को हवाई क्रीडा स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। जिसके लिए सामुदायिक भागीदारी तथा सरकारी-निजी भागीदारी के लिए अवसर खोजे जाने चाहिए। उन्होंने बीड़ बिलिंग में सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी समिति को सुदृढ़ बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रशासन से जंजैहली क्षेत्र को ईको पर्यटन हब के तौर पर विकसित करने के लिए कार्य योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए। यह बात आज यहां मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहीं। मुख्य सचिव ने प्रदेश में प्रस्तावित विभिन्न पर्यटन योजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को सभी योजनाओं को निर्धारित समय पर पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश को ईको पर्यटन गंतव्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस उद्देश्य से प्रदेश के विभिन्न भागों में ईको पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि चांशल, जंजैहली तथा बीड बिलिंग जैसे पर्यटन स्थलों को पर्यटकों के लिए आकर्षित करने के उद्देश्य से ईको पर्यटन के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है जिसके लिए अधोसंरचना, भू-सौंदर्यकरण तथा शौचालय व पार्किंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि स्थानीय युवाओं को पर्यटन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है जिससे इस क्षेत्र में बहुआयामी रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटन गतिविधियों से इन क्षेत्रों की सामाजिक आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी जिससे पूरे प्रदेश को लाभ मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों से चाशंल में स्कीइंग गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से निविदा प्रक्रिया तैयार करने को कहा ताकि क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सके।
उन्होंने प्रशासन को ‘नई राहें, नई मंजिलें’ योजना के तहत चाशंल को स्कीइंग गंतव्य बनाने के लिए एकीकृत योजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रशासन से चाशंल क्षेत्र को कैपिंग साईट के तौर पर विकसित करने के लिए कार्य योजना तैयार करने को कहा। पर्यटन विभाग के निर्देश युनूस ने विभाग द्वारा चल रही विभिन्न पर्यटन योजनाओं की प्रगति की समीक्षा पर विस्तृत रिपोर्ट दी।