जिला बिलासपुर के घुमारवीं में नगर परिषद के बार्ड नं पांच बजोहा का निवासी हीरा लाल पुत्र गंगा राम पिछले तीस सालों के लिए किराए के लिए दर-दर भटक रहा है। हीरा लाल ने अपना भवन बाल विकास अधिकारी घुमारवीं को 16 सितंबर 1990 को किराए पर दिया था और उसका किराया नियमों के अनुसार 1247 रु तय हुआ था। लेकिन आज तक हीरी लाल को रुपये नहीं मिले हैं।
बाल विकास अधिकारियों की मिलीभगत से 1990 से लेकर आजतक यह किराया हीरा लाल को नहीं मिला है बल्कि अधिकारी इस किराए को किसी और के नाम पर ही दे रहे हैं। हीरा लाल जो जिदंगी के 82 बंसत देख चुके हैं ने बताया कि मैंने अपना भवन बाल विकास अधिकारी को किराए पर दिया गया है। जिसमें पानी का बिल और बिजली का बिल भी मेरे नाम का है। जो भवन बाल विकास अधिकारी कार्यालय को दिया गया है उसके नक्शे को नगर परिषद के द्धारा स्वीकृत प्रदान की गई है वह भी मेरे नाम की है और फिर भी किराया दूसरों को दिया जा रहा है जो समझ से परे है।
उनका मामनना है कि यह बाल विकास अधिकारियों की ही मिलीभक्ति है जो किराया मुझे आज तक नहीं मिला है। कार्यालय से किराया किसी और के नाम से मिल रहा है। कार्यालय से किराया न मिलने के संदर्भ में मैंने इसकी शिकायत उपायुक्त बिलासपुर से 28/ 12/ 2018 को. की थी तो उपायुक्त कार्यालय इस मामले को दस दिन के भीतरसुलझाने के लिए एसडीएम घुमारवी को आदेश जारी किए गए थे ,वह भी धराशायी हो गए हैं तथा इस मामले का कुछ हल नहीं निकला है और न ही किराया दिया गया है ।
पीड़ित हीरा लाल को जब कहीं से न्याय की उम्मीद नजर नहीं आ रही थी तो स्थानीय विधायक के पास अपनी फरीयाद लेकर गया है। उन्होंने भी एसडीएम को आदेश जारी किए लेकिन फिर भी न कोई समाधान हुआ और न ही किराया मिला है। सरकारी अधिकारियों के चक्कर काट कर थक चुका है हीरा लाल अब मुख्यमंत्री को शिकायत करने का मन बना चुका है जिससे उसे न्याय मिल सके। बाल विकास अधिकारी के भवन के किराएं के संदर्भ में हीरालाल मेरे पास आया था तो उस समय ही एसडीएम घुमारवीं को आदेश दिए गए थे कि इस मामले को शीघ्रता पूर्वक निपटारा कर दिया जाए। अगर फिर भी हीरालाल को किराया नहीं मिला है तो खुद इस संदर्भ में एसडीएम से बार्तालाप की जाएगी और पीड़ित हीरालाल को उसका हक दिलवाया जाएगा।