हिंदी फिल्मों में पंजाबी गानों के बढ़ते प्रभाव के उपरांत अब हिमाचली नाटियों का तड़का भी जल्द ही बॉलीबुड की फिल्मों में देखने को मिलेगा जिसकी शुरुआत नाटी किंग कुलदीप शर्मा की सुपरहिट नाटियों से हो गयी है। हिमाचली नाटियों की लोकप्रियता बॉलीबुड को इस कदर भायी है कि हिंदी सिनेमा की आने बाली फ़िल्म वनरक्षक में हिमाचली नाटियों का तड़का बड़े पर्दे पर देखने को मिलेगा। इसका खुलासा नाटी किंग का खिताब हासिल करने वाले मशहूर हिमाचली गायक कुलदीप शर्मा ने किया। अपने एक भजन की शूटिंग के लिए बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध पहुंचे नाटी किंग कुलदीप शर्मा ने होटल अशोका रीजेंसी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि आमतौर पर हिमाचली भाषा के गानों अथवा हिमाचली नाटियों को प्रदेश से बाहर के लोगो को भाषा की दृष्टि से समझने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता रहा है। लेकिन हिमाचली भाषा की मिठास और नाटियों की लोकप्रियता के कारण अब बॉलीबुड भी हिमाचली नाटियों का इस कदर मुरीद हुआ है कि इसे बड़े पर्दे पर आने वाली फ़िल्म में इसे जगह देकर फिल्मी पटल पर इसे पेश किया जाएगा।
कुलदीप शर्मा की आवाज में इन नाटियों के एक स्मैशअप की रिकॉर्डिंग मुम्बई में हो चुकी है और इसे फ़िल्म में शामिल किया गया है। फ़िल्म के रिलीज होते ही हिमाचली नाटीयों की धूम बड़े पर्दे की फ़िल्म में मचेगी। कुलदीप शर्मा ने बताया कि इसके अलावा वह बॉलीबुड की बड़े फिल्मी स्टार की एक फ़िल्म में सूफी गायन के प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहे हैं जिसके लिए वह आगामी दिनों में मुम्बई जाकर सूफी गायिकी में अपनी आवाज का जौहर दिखाएंगे। इन्ना बड़िया जो तुड़का लायां ओ ठेकेदारनिये, शिल्पा शिमले आलिये, रोहड़ू जाना मेरी अम्मिये जैसी सुपरहिट नाटियों के गायक कुलदीप शर्मा ने बातचीत के दौरान अपने अगले प्रोजेक्ट हिमाचली फ़िल्म यारियां को लेकर जानकारी दी । उन्होंने कहा कि आगामी समय मे उनका पूरा फोकस इस फ़िल्म के निर्माण पर रहेगा और इसके लिए हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी प्रदेश की फ़िल्म निर्माण नीति के अंतर्गत सहयोग देने के लिए मुलाकात कर चुके हैं ताकि हिमाचली फ़िल्म निर्माण की सरकार की योजना को गति मिल सके।
उन्होंने बताया कि हिमाचल सरकार ने प्रदेश की भाषा- संस्कृति के उत्त्थान के लिए जो फ़िल्म निर्माण नीति बनाई है उससे हिमाचली भाषा व कला- संस्कृति को और बढ़ावा मिलने की संभावना है। कुलदीप शर्मा ने कहा कि हिमाचली कला में अपना एहम योगदान देने वाले पोला राम ढांग वाला के साथ उनके अगले प्रोजेक्ट फिल्म यारियां बनाने का मुख्य मकसद भी हिमाचली जुवान और संस्कृति को बढ़ावा देने का ही है क्योंकि जब पंजाबी जुबान पॉलीबुड के बाद बॉलीवुड और हरियाणवी भाषा बड़े पर्दे की फिल्मों में छा सकती है तो हमारी हिमाचली भाषा इस क्षेत्र में पीछे क्यों रहे। उन्होंने कहा कि हिमाचली भाषा को उसका बाजिव हक दिलाने के लिए वह निजी स्तर पर प्रयासरत है तथा उनकी फिल्म यारियां और बॉलीबुड फ़िल्म में हिमाचली नाटियों से हिमाचली भाषा को बड़े स्तर पर पहचान दिलाने में मील का पत्थर साबित होने की उम्मीद जगी है।